शनिवार को होने वाले मणिपुर विधानसभा चुनाव के लिए गुरुवार शाम तीन बजे चुनाव प्रचार समाप्त हो गया हालांकि राज्य में चुनाव प्रचार काफी फीका रहा. प्रचार के दौरान उम्मीदवारों ने मतदाताओं के घर घर जाकर संपर्क किया और कोई बड़ी जनसभा नहीं की.
राज्य के विभिन्न जिलों से मिली खबरों के अनुसार विद्रोहियों की धमकी मिलने के बाद उम्मीदवारों ने मतदाताओं के घर घर जाकर संपर्क किया. इंफाल पूर्वी जिले में याइसकुल विधानसभा क्षेत्र के कांग्रेस कार्यकर्ता थामबोउ सिंह ने कहा, ‘पहले के विपरीत हम इस बार लाउड स्पीकरों का प्रयोग नहीं कर पाये क्योंकि विद्रोही समूहों ने हमें जान से मारने की धमकी दी थी.’
आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि प्रमुख विद्रोही संगठन कांग्रेस उम्मीदवारों और कार्यकर्ताओं को पिछले दो हफ्ते से निशाना बना रहे हैं और उनपर ग्रेनेड फेंककर या बम विस्फोट से हमला कर रहे हैं. मुख्यमंत्री ओ इबोबी सिंह ने सवाल किया कि विद्रोही केवल कांग्रेस को ही क्यों निशाना बना रहे हैं.
उन्होंने कहा कि विद्रोहियों का गुप्त एजेंडा है. खबरों में कहा गया कि विवादास्पद सशस्त्र विशेष अधिकार कानून को राज्य से हटाना और मणिपुर की सीमाई अखंडता को बरकरार रखना, ऐसे प्रमुख मुद्दे थे जो फीके रहे चुनाव प्रचार में उठाये गये.