मणिपुर में उग्रवादी शांतिवार्ता की तैयारी में जुटे हैं और उन्हें सरकार द्वारा नामित शिविरों में रखा गया. उनसे कहा गया है कि वे 28 जनवरी को होने वाले आगामी विधानसभा चुनाव में किसी भी तरह से संलिप्त नहीं हों.
आधिकारिक सूत्रों के मुताबिक आगामी चुनाव की निगरानी के लिए हाल में गठित राज्य की समन्वय समिति की एक बैठक के दौरान उग्रवादियों, खासतौर से कुकी समुदाय से जुड़े उग्रवादियों को यह निर्देश देने का फैसला किया गया. मुख्य सचिव डीएस पुनिया की अध्यक्षता में यह बैठक संपन्न हुयी.
सूत्रों के मुताबिक बैठक में एक दिनी चुनाव के दौरान सुरक्षा प्रावधानों पर चर्चा की गयी क्योंकि कुछ उग्रवादी संगठनों ने चुनाव के बहिष्कार की घोषणा की थी. कुछ कुकी उग्रवादी संगठनों ने सरकार के साथ एक समझौता किया था जिसके तहत सुरक्षा बल उनके खिलाफ कार्रवाई या अभियान नहीं चलाएंगे और यह भी कहा कि उग्रवादियों को शिविरों में रखा गया है.
बैठक में फैसला किया गया कि इन उग्रवादियों को शिविरों में ही रखा जाना चाहिए और इसकी जिम्मेदारी अर्धसैनिक बलों के हवाले की जानी चाहिए. सूत्रों ने कहा कि शांति वार्ता के इच्छुक कुकी उग्रवादियों को निर्दिष्ट शिविरों में रखा गया था. बैठक में सरकार के साथ शांति वार्ता में शामिल नेशनल सोशलिस्ट कौंसिल आफ नगालैंड से भी कहा गया है कि वह चुनाव से खुद को अलग रखे.