गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी के सुपरहिट चुनाव प्रचार से लौटते ही इंडिया टुडे के मैनेजिंग एडिटर एस. प्रसन्नराजन ने उनसे हेलीकॉप्टर में ही उनके चुनावी दौरे से संबंधित कुछ सवाल पूछे. गुजरात और देश की समस्याओं पर उन्होंने खुल कर बातें की. पढ़ें संक्षिप्त इंटरव्यूः
प्रश्नः तो आप दिल्ली आने के लिए बिल्कुल तैयार हैं?
नरेंद्र मोदीः नहीं, मैं किसी काल्पनिक प्रश्न का जवाब नहीं दूंगा.
प्रश्नः आपको गुजरात में तो क्या किया जाना चाहिए आपके पास इसकी अद्भुत कल्पना है. उसी प्रकार देश में अभी सबसे ज्यादा किस चीज पर ध्यान देना चाहिए, इसपर अपके क्या विचार हैं?
नरेंद्र मोदीः हमारे देश में इस वक्त नेता, नीति और नीयत (प्रतिबद्धता) की कमी है.
प्रश्नः क्या आप वह नेता नहीं हैं? लगभग सभी ओपिनियन पोल में आपको प्रधानमंत्री पद के लिए सबसे उपयुक्त दावेदार माना गया है.
नरेंद्र मोदीः मेरा ध्यान इस वक्त गुजरात के विकास और गुजरात की जनता पर केंद्रित है. मेरा असली सपना गुजरात को दुनिया के किसी भी विकसित देश के विकास दर से कहीं आगे ले जाने का है और मैं जानता हूं कि मैं ऐसा कर सकता हूं. गुजरात में कई संभावनाएं हैं. उदाहरण के लिए, तटवर्ती गुजरात के आसपास 52 द्वीप हैं. मैं उन्हें अंतरराष्ट्रीय स्तर के टूरिस्ट प्लेस में विकसित करना चाहता हूं. मैं हमेशा लीक से हटकर सोचता हूं. आप एक बात और याद रखें कि नेहरू परिवार किसी भी गुजराती नेता को पसंद नहीं करता. उन्होंने पटेल के साथ खराब व्यवहार किया. मोरारजी देसाई के साथ भी उन्होंने बुरा बर्ताव किया. अब मेरी बारी है, मुझे निशाने पर लिया जाएगा.
प्रश्नः आपकी छवि आधुनिकीकरण करने वाले की है और आपके पास कॉरपोरेट भारत की भी ताकत है. फिर भी आप देश में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) का विरोध क्यों कर रहे हैं?
नरेंद्र मोदीः यह देश का मामला है और एफडीआई लागू करने से देश के संघीय ढांचे में बाधा उत्पन्न होगी. इसके अलावा, अपने देश में कृषि के बाद छोटे और मंझोले दुकानों वाले रिटेल सेक्टर ने सबसे ज्यादा लोगों को रोजगार दे रखा है. एफडीआई इसको समाप्त कर देगा. यहां तक कि इससे हमारे उत्पादन क्षमता पर भी असर पड़ेगा. एफडीआई से हिंदुस्तान की अर्थव्यवस्था की सहायता नहीं होगी. खुद अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा भी अपने देश से रोजगार को बाहर नहीं जाने देना चाहते. मैंने तो इस मामले को लेककर उनका ट्विट भी पढ़ा है.
प्रश्नः मुझे लगा आपके रोल मॉडल थैचर या रीगन हैं?
नरेंद्र मोदीः इस मसले पर ओबामा सही हैं. फिर भी, रिटेल में एफडीआई हिंदुस्तान की अर्थव्यवस्था के लिए सही नहीं है.
प्रश्नः ऐसा नहीं लगता है कि आपने मुसलमानों का विश्वास फिर से हासिल कर लिया है.
नरेंद्र मोदीः मैं वोट बैंक की राजनीति में विश्वास नहीं करता. मेरे लिए कोई हिंदू वोट बैंक, मुस्लिम वोट बैंक या अल्पसंख्यक वोट बैंक के मायने नहीं हैं. गुजरात की 60 मिलियन आबादी मेरा परिवार है. निस्सन्देह, मुझे बीजेपी का वोट मिलेगा. लेकिन जो मेरे खिलाफ वोट करेंगे वो भी मेरा परिवार ही हैं.
प्रश्नः आप ऐसे नेता लगते हैं जिसकी वोटरों में स्नेह की तुलना में प्रशंसा ज्यादा होती है. कुछ लोगों ने मुझसे कहा कि आप भावनात्मक रूप से अस्पष्ट हैं.
नरेंद्र मोदीः लेकिन मुझे लोगों से मिलकर तो ऐसा नहीं लगता. आपके मनोभाव की कई परतें होती हैं. क्या आपको रैली देखकर ऐसा नहीं लगा कि वो मुझसे कितना स्नेह करते हैं? वो मुझसे इतना अनुराग करते हैं कि मुझे मेरी जनता की हर भावना को पूरा करना है. और यही वो चैंलेंज है जो मैं खुद के लिए रखता हूं.
प्रश्नः आपको एक अहंकारी के रूप में भी देखा गया है?
नरेंद्र मोदीः अनुमान सच्चाई नहीं होता. अहंकारी मोदी की छवि एक अत्यंत अहंकारी षड्यंत्रकारियों के दल ने बनाई है.
प्रश्नः क्या आपको एकाकी जीवन पसंद है?
नरेंद्र मोदीः मैं हमेशा लोगों के साथ हूं. मेरे पास इतना वक्त नहीं है कि मैं एकाकी जीवन जी सकूं. मैंने अपने खुद को 16 साल की उम्र से ही देश के लिए समर्पित कर रखा है.
प्रश्नः हो सकता है कि आप अपनी पार्टी के अंदर ही ‘एकाकी’ हों?
नरेंद्र मोदीः मैं आज जो कुछ भी हूं वो सिर्फ बीजेपी और उसकी केंद्रीय लीडरशिप की वजह से हूं.