बिहार में विधि व्यवस्था के हालात में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अपनी सरकार की प्राथमिकताएं तय करते हुए कहा कि किसी भी परिस्थिति में अपराध को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा.
बिहार के शीर्ष पुलिस अधिकारियों के साथ नीतीश ने शनिवार को तीन घंटे तक चली मैराथन बैठक में राज्य की विधि व्यवस्था की स्थिति की समीक्षा करते हुए कहा कि विधि व्यवस्था में सुधार, नक्सलियों के खिलाफ अभियान, सांप्रदायिक सौहार्द बनाये रखना, अपराध का सफाया और भूमि विवाद को समाप्त करना उनकी सरकार की प्राथमिकताएं होंगी.
नीतीश ने कहा कि मुकदमों के तेजी से निपटारे और सिपाहियों के 10 हजार रिक्त पदों को भरने के अलावा विशेष पुलिस बल सैप में 8800 रिक्त पदों को भरने के लिए कदम उठाये जायेंगे. बैठक में राज्य के गृह सचिव आमिर सुबहानी, पुलिस महानिदेशक नीलमणि, अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (मुख्यालय) पीके ठाकुर, अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (विधि व्यवस्था) बीएन राय और एडीजी (विशेष शाखा) एस निंब्रम उपस्थित थे.
मुख्यमंत्री ने कहा कि बम और बारूदी सुरंग निष्क्रिय दस्ता की स्थापना, जीपीएस प्रणाली, बारूदी सुरंग निरोधक वाहन और बुलेट प्रूफ जैकेट की खरीद सहित नक्सलवाद से निपटने के लिए आवश्यक कदम उठाये जायेंगे.
नीतीश ने भूमि विवाद के सभी मुकदमों की निगरानी और प्राथमिकता के आधार पर उनके निपटारे पर भी मुख्य रूप से जोर दिया. मुख्यमंत्री ने रेल अपराधों जैसे लूट, डकैती और चलती ट्रेन में महिलाओं के साथ छेड़छाड़ जैसे वारदातों पर लगाम लगाने के लिए अधिकारियों को कदम उठाने का निर्देश दिया.