बिहार विधानसभा चुनाव के सिलसिले में राहुल गांधी के दौरों को तवज्जो नहीं देते हुए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सोमवार को कहा कि भले ही गठबंधन में सहयोगी भाजपा के साथ उनकी पार्टी की वैचारिक समानता नहीं है लेकिन कांग्रेस के साथ गठजोड़ का कोई प्रश्न ही नहीं उठता है.
चुनाव प्रचार के लिए गुजरात के मुख्यमंत्री नरेन्द्र मोदी के नहीं लाने के निर्णय के विषय में स्थिति स्पष्ट करते हुए बिहार के मुख्यमंत्री ने कहा कि इस निर्णय से उनका कोई लेना देना नहीं है और यह पूरी तरह से भाजपा का मामला है. निजी टेलीविजन चैनल सीएनएन आईबीएन से बातचीत में नीतीश कुमार ने कहा कि भाजपा के साथ वैचारिक समानता की जरूरत नहीं उत्पन्न होती है क्योंकि यह गठजोड़ है और न्यूनतम साझा कार्यक्रम के तहत चलता है.
उन्होंने कहा, ‘इन कार्यक्रमों में अल्पसंख्यक कल्याण से जुड़ा विषय भी शामिल है और हम इस पर अमल कर रहे हैं.’ नीतीश ने कहा, ‘यह सही है कि विचारधारा अलग अलग हैं. कई मुद्दों पर समानता नहीं है और हो भी नहीं सकती है. लेकिन गठबंधन में सरकार मिलकर बनायी जाती है, चुनाव मिलकर लड़े जाते है और साझा कार्यक्रम होता है.’ {mospagebreak}
यह पूछे जाने पर कि गुजरात के मुख्यमंत्री नरेन्द्र मोदी को क्यों नहीं आने दिया गया, उन्होंने कहा, ‘यह हमारा विषय नहीं है, यह भाजपा का मामला है. उन्हें यह तय करना है, हम इसमें कोई हस्तक्षेप नहीं करते कि उन्हें किसे बुलाना है, किसे नहीं.’ यह पूछे जाने पर कि क्या आप भाजपा को छोड़ने और कांग्रेस के साथ हाथ मिलाने के मौके का इंतजार कर रहे हैं, नीतीश ने कहा, ‘मैं जेपी आंदोलन की उपज हूं और यह विचार, सोच में आ भी नहीं सकता है.’
बिहार के मुख्यमंत्री ने कहा, ‘मेरे भाजपा के साथ अच्छे संबंध है और उनके साथ काम करने का अनुभव काफी अच्छा रहा है. इसलिए मैं अभी भी उनके साथ काम कर रहा हूं और आगे भी जारी रहेगा.’
कांग्रेस महासचिव राहुल गांधी के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा, ‘मैं नयी पीढ़ी की बात करता हूं, ‘यूथ आइकॉन’ की नहीं. मेरे विचार से सामान्य परिवार में जन्म लेने वाला कोई भी बच्चा ‘आइकॉन’ है. मेरे विचार से युवा पीढ़ी समझदार है और आगे बढ़ रही है. मैं व्यक्ति विशेष के बारे में बात नहीं करना चाहता.’