दागी लोगों को टिकट दिए जाने की कथित मुखालफत करने वाले लालकृष्ण आडवाणी, सुषमा स्वराज और मुरली मनोहर जोशी आदि भाजपा के कुछ वरिष्ठ नेता ऐसे उम्मीदवारों के पक्ष में संभवत: चुनाव प्रचार नहीं करेंगे.
उत्तर प्रदेश की मुख्यमंत्री मायावती द्वारा अपने मंत्रिपरिषद से बर्खास्त किए गए बाबू सिंह कुशवाहा को पार्टी में शामिल किए जाने से विरोधी और सहयोगी दलों ही नहीं खुद के कुछ नेताओं की आलोचना का शिकार बनी भाजपा ने कुशवाहा को प्रदेश विधानसभा चुनाव में उम्मीदवार नहीं बनाने का निर्णय किया है. लेकिन उनके अलावा भी ऐसे कई दागी लोग हैं जिन्हें पार्टी टिकट दिए गए हैं.
पार्टी सूत्रों ने बताया कि काले धन के खिलाफ जन चेतना यात्रा निकालने वाले आडवाणी और भ्रष्टाचार की नकेल कसने के लिए संसद में मजबूत लोकपाल विधेयक लाने की वकालत करने वाली सुषमा अपने पार्टी के उन उम्मीदवारों का प्रचार करने में असहज महसूस कर रहे हैं जिनकी दागी छवि है.
ऐसे दागी छवि वाले उम्मीदवारों में उत्तर प्रदेश के अनूपशहर से टिकट पाने वाले छत्रपाल सिंह शामिल हैं जिन्हें संसदीय समिति ने राज्यसभा सदस्य रहते प्रश्न पूछने के लिए धन लेने का दोषी पाया था.
इसी तरह बसपा से निकाले जाने पर भाजपा में शामिल किए गए बुंदेलखंड के बादशाह सिंह को उत्तर प्रदेश लोकायुक्त ने वित्तीय अनियमितताएं बरतने के लिए नोटिस दिया है. बसपा से भाजपा में आए ददन मिश्र पर भी भ्रष्टाचार के आरोप हैं.
यौन उत्पीड़न मामलों में कुछ महीने जेल रहे सच्चिदानंद हरि साक्षी महाराज भी प्रदेश के भानगांव से भाजपा के उम्मीदवार हैं.
यह पूछे जाने पर क्या आडवाणी और सुषमा ऐसे उम्मीदवारों का प्रचार करने से परहेज करेंगे तो इसपर भाजपा प्रवक्ता शाहनवाज हुसैन ने हालांकि कहा, ‘पार्टी के सभी नेता पार्टी के सभी उम्मीदवारों के लिए प्रचार करेंगे.’
दूसरी ओर पार्टी के सूत्रों ने दावा किया कि भाजपा के वरिष्ठ नेता उत्तर प्रदेश में पार्टी के प्रचार में जोर-शोर से उतरेंगे, लेकिन दागी उम्मीदवारों के चुनाव क्षेत्रों में जाने से बचेंगे.