कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने पश्चिम बंगाल में सत्ता परिवर्तन का आह्वान करते हुए वाममोर्चा की सरकार पर राज्य के विकास के लिए केंद्रीय कोष का उपयोग कर पाने में नाकाम साबित होने का दोष मढ़ा.
सोनिया गांधी ने कांग्रेस और तृणमूल कांग्रेस के उम्मीदवारों के पक्ष में चुनावी रैली को संबोधित करते हुए कहा, ‘राज्य में यह परिवर्तन का समय है. मैं मतदाताओं से कांग्रेस-तृणमूल गठबंधन को मत देने की अपील करती हूं.’
उन्होंने कहा, ‘केंद्र ने इस राज्य को काफी धन दिया है, लेकिन इसका असर कहीं नहीं दिखा.’ उन्होंने सवाल उठाते हुए कहा कि लोगों को वाम मोर्चे की सरकार से सवाल पूछना चाहिए कि आखिर केंद्रीय कोष का पैसा गया कहां. सोनिया गांधी ने कहा कि केंद्र में कांग्रेस की अगुवाई वाली सरकार ने सभी तबके के लोगों के लिए काम किया है, जो पहले किसी भी गैर कांग्रेसी सरकार ने नहीं किया.
कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि राज्य के कुछ जिले देश में सबसे ज्यादा गरीब जिलों में शुमार हैं. अधिकांश हिस्सों में सिंचाई की पर्याप्त व्यवस्था नहीं है और एक तिहाई जनता को पीने की पानी की सुविधा ही नहीं है. रैली के दौरान कांग्रेस अध्यक्ष ने राज्य सरकार पर उन इलाकों में विकास परियोजनाओं को लागू करने में भेदभाव करने का आरोप लगाया, जहां कांग्रेस का मजबूत जनाधार है.
उन्होंने कहा, ‘हर तबके के लोगों को कठिनाई झेलनी पड़ रही है. यह सरकार का दायित्व है कि वह सभी तबके पर ध्यान दे. यदि केंद्रीय कोष का बंगाल में ठीक तरीके से इस्तेमाल किया गया होता तो इस तरह के हालात नहीं होते.’ वाम मोर्चे की सरकार पर आरोप लगाते हुए गांधी ने कहा कि राज्य में 34 वर्षों के शासनकाल में उन्होंने केवल लोगों को सपने बेचे.
उन्होंने कहा, ‘यह समय है जब आप यह सवाल कर सकते हैं कि उन्होंने वादे क्यों नहीं पूरे किए. क्या साम्यवाद का मतलब यह है कि- जनता और गरीब हो जाए?’ गांधी ने कहा कि केंद्र ने गरीबों के लिए मनरेगा और भारत निर्माण योजना सहित असंगठित क्षेत्र के कामगारों के लिए बीमा की शुरुआत की.