तमिलनाडु में अगले पांच वर्षों तक कौन राज करेगा, इसका फैसला शुक्रवार को हो जाएगा. गौरतलब है कि 13 अप्रैल को राज्य में 234 सीटों के लिए हुए विधानसभा चुनाव के तहत मतदान हुए थे.
राज्य भर में 91 केन्द्रों पर मतगणना का काम शुरू होगा. धुर विरोधी अन्नाद्रमुक प्रमुख जे जयललिता और द्रमुक प्रमुख एम करुणानिधि सहित कुल दो हजार 773 उम्मीदवारों के भाग्य का फैसला शुक्रवार शाम तक तय हो जाने की उम्मीद है.
द्रमुक जहां लगातार दूसरी बार सत्ता पाने की फिराक में हैं वहीं 2जी स्पेक्ट्रम घोटाले सहित अन्य मुद्दों की बैसाखी के सहारे, पांच वर्ष सत्ता से दूर रही अन्नाद्रमुक राज्य की सत्ता पर काबिज होने की उम्मीद पाले हुए है.
एक तरफ राज्य में जहां 75.21 फीसदी लोगों ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया वहीं इस बार विधानसभा चुनाव में धन बल से मतदाताओं को लुभाने और राज्य के प्रमुख दलों के परस्पर दिए गए बयान को लेकर निर्वाचन आयोग की ओर से की गई सख्ती भी इस बार चर्चा में रही.
द्रमुक प्रमुख करुणानिधि ने चुनाव आयोग द्वारा धन बल पर रोक लगाने को लेकर सख्ती किए जाने पर आयोग पर तीखा प्रहार किया. करुणानिधि ने तो यहां तक कह दिया कि चुनाव आयोग के अधिकारों में कटौती की जानी चाहिए.
चुनाव के नतीजे ऐसे समय में आ रहे हैं जब 2जी स्पेक्ट्रम के आवंटन संबंधी घोटाले में सीबीआई की ओर से इस मामले में आरोपी ए राजा के साथ साथ द्रमुक प्रमुख करुणानिधि की बेटी और राज्यसभा सदस्य कनिमोझी के खिलाफ आरोपपत्र दाखिल किया गया है. 2जी स्पैक्ट्रम घोटाले में कथित भूमिका के चलते राजा तिहाड़ जेल में बंद हैं जबकि कनिमोझी को लेकर दिल्ली उच्च न्यायालय 14 मई को उनकी जमानत संबंधी याचिका पर फैसला देगा.
द्रमुक की सत्ता में दोबारा वापसी की स्थिति में माना जा रहा है कि करुणानिधि छठी बार राज्य के मुख्यमंत्री बनेंगे. एक तरफ जहां इस बार विधानसभा चुनाव में द्रमुक ने 119 सीटों पर चुनाव लड़ा है वहीं 63 सीटों पर उसके सहयोगी दल कांग्रेस ने अपने उम्मीदवार खड़े किए.
वहीं पांच वर्ष तक राज्य सत्ता से दूर रही जयललिता के लिए यह चुनाव करो या मरो वाली स्थिति है. अन्नाद्रमुक ने जहां 160 उम्मीदवारों को मैदान में उतारा वहीं इसकी सहयोगी दल डीएमडीके ने 42 सीटों पर चुनाव लड़ा. डीएमडीके अभिनेता से नेता बने विजयकांत की पार्टी है.