श्रीलंकाई तमिलों के प्रति भारत के समर्थन को दोहराते हुए कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने कहा कि नई दिल्ली श्रीलंका पर संविधान में संशोधन के लिए दबाव बनाना जारी रखेगा ताकि उस देश में जातीय अल्पसंख्यकों के लिए समान अधिकार और दर्जा सुनिश्चित किया जा सके.
द्रमुक अध्यक्ष एवं तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम करुणानिधि के साथ एक चुनावी रैली को संबोधित करते हुए सोनिया ने कहा, ‘श्रीलंकाई तमिलों का मुद्दा हमारे दिल के काफी करीब है. पिछले साल उल्लेखनीय प्रगति हुई थी और भारत ने उनके पुनर्वास के लिए काफी धन दिया.’
राज्य में आगामी 13 अप्रैल को होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए अपने पहले प्रचार अभियान में सोनिया ने कहा कि लिट्टे के खिलाफ युद्ध में विस्थापित हुए तमिलों के पुनर्वास के लिए भारत जो कुछ भी कर सकता है करेगा. उन्होंने कहा, ‘हम श्रीलंका की सरकार पर दबाव बना रहे हैं कि वह संविधान में बदलाव करे ताकि तमिलों के लिए समान अधिकार और दर्जा सुनिश्चित किया जा सके.’ {mospagebreak}
पाक जलडमरूमध्य में श्रीलंकाई नौसेना द्वारा कथित तौर पर भारतीय मछुआरों पर किए जा रहे हमले के संबंध में सोनिया ने कहा कि श्रीलंका ने आश्वासन दिया है कि इस तरह की घटनाएं दोहराई नहीं जाएंगी. उन्होंने कहा, ‘कुछ मछुआरों की मौत होने का हमें काफी दुख है. हमें आश्वासन दिया गया है कि भविष्य में कोई गोलीबारी नहीं होगी और हम इस संबंध में प्रयास करते रहेंगे कि वादे पूरे किए जाएं.’
2जी स्पेक्ट्रम घोटाले में पूर्व केंद्रीय दूरसंचार मंत्री ए राजा की गिरफ्तारी के बाद पहली बार करुणानिधि के साथ मंच साझा करते हुए सोनिया ने द्रमुक नेता की काफी प्रशंसा की. उन्होंने कहा, ‘हम उनसे राय लेते रहेंगे क्योंकि तमिलनाडु के लिए उनका योगदान अतुलनीय है.’
उन्होंने कहा कि तमिलनाडु अग्रणी राज्यों में से एक है और चेन्नई तेजी से बढ़ रहे औद्योगिक केंद्रों में से एक है. इससे पहले करुणानिधि ने कच्चातिवू द्वीप के आस-पास भारतीय मछुआरों के मछली मारने के अधिकार को बहाल करने, अंतरराज्यीय नदियों के राष्ट्रीयकरण और तमिल को देश की आधिकारिक भाषाओं में से एक बनाने और शिक्षा को केंद्रीय सूची से राज्य सूची में स्थानांतरित करने की मांग की.