तृणमूल कांग्रेस प्रमुख ममता बनर्जी ने अलग गोरखालैंड राज्य गठन की मांग का कड़ा विरोध करते हुए कहा कि उनकी पार्टी पश्चिम बंगाल को बांटने के किसी भी कदम की इजाजत नहीं देगी.
ममता ने जलपाईगुड़ी जिले के कालचीनी में एक चुनावी रैली को संबोधित करते हुए कहा, ‘तृणमूल कांग्रेस पश्चिम बंगाल के विभाजन के किसी भी कदम की इजाजत नहीं देगी. मैं दार्जीलिंग के पर्वतीय क्षेत्रों में रहने वाले लोगों की समस्याओं को समझती हूं. सभी समस्याओं को बातचीत के जरिये सुलझाया जा सकता है.’
उन्होंने गोरखालैंड के लिए आंदोलन चलाने वाले गोरखा जनमुक्ति मोर्चा (जीजेएम) का नाम लिये बिना कहा, ‘समस्याओं के स्थायी और शांतिपूर्ण हल के लिए पर्वतीय क्षेत्रों में एक एकीकृत विकास कार्यक्रम जरूरी है.’ ममता ने आरोप लगाया कि माकपा पर्वतीय और मैदानी क्षेत्रों में रहने वाले लोगों की समस्याओं का हल नहीं करके उनकी एकता तोड़ना चाहती है.
उन्होंने इससे पहले कुमारग्राम में आयोजित एक रैली के दौरान उत्तर बंगाल में चाय उद्योग को ‘बर्बाद’ करने के लिए वाम मोर्चा सरकार की आलोचना करते हुए कहा कि यदि उनकी पार्टी सत्ता में आयी तो इसमें मौलिक सुधार किया जाएगा.
ममता ने कुमारग्राम में पार्टी प्रत्याशी जोयखिम बक्सला के समर्थन में आयोजित एक चुनावी रैली को संबोधित करते हुए कहा, ‘वाम मोर्चे की सरकार ने राज्य में अपने 34 वर्ष के शासनकाल में किसी जमाने में सम्पन्न चाय उद्योग को श्रमिक विरोधी नीतियां अपनाकर बर्बाद कर दिया.’ उन्होंने कहा कि सरकार ने दैनिक भोगी श्रमिकों की जायज मांगों को पूरा करने के लिए कोई कदम नहीं उठाया जिसका परिणाम श्रमिकों के खराब स्वास्थ्य और कम उत्पादन के रूप में सामने आया.
उन्होंने कहा, ‘चाय बागान में कार्यरत श्रमिकों और उनके परिवार के सदस्यों के लिए पीने के पानी, स्वास्थ्य सुविधा और प्राथमिक शिक्षा की कोई व्यवस्था नहीं है. चाय बागान क्षेत्रों में हिंदी माध्यम स्कूल स्थापित करने की उनकी मांग को भी नजरंदाज किया गया.’