पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव में तृणमूल कांग्रेस द्वारा दिए गए नारे ‘परिवर्तन’ की प्रतिध्वनि माकपा की अपनी हार को स्वीकारने में सुनाई दी. उसने कहा कि राज्य की जनता ने परिवर्तन के लिए वोट दिया और इसका फायदा तृणमूल नेता ममता बनर्जी को मिला.
तृणमूल द्वारा वाम मोर्चा को बुरी तरह हराने के बाद माकपा के पोलित ब्यूरो सदस्य सीताराम येचुरी ने कहा कि उनकी पार्टी 34 साल बाद हार का मुंह देखने के कारणों का विश्लेषण करेगी.
उन्होंने कहा कि लगातार सात विधानसभा चुनाव जीत कर 34 साल सत्ता में रहने के बाद वाम मोर्चा को हार का सामना करना पड़ा है. हम इस हार को स्वीकार करते हैं. हम जनता के फैसले का सम्मान करते हैं.
येचुरी ने कहा कि वहां जनता में परिवर्तन की आशा रही. उसका फायदा तृणमूल को मिला है. माकपा पोलित ब्यूरो की अन्य सदस्य वृंदा कारत ने भी येचुरी की तरह ही कहा कि पश्चिम बंगाल के चुनावी नतीजे जनता की परिवर्तन की इच्छा का द्योतक हैं. हम पूरी नम्रमा से इसे स्वीकारते हैं.
येचुरी ने कहा कि वाम मोर्चा के 34 साल के शासन में राज्य ने बड़ी उपलब्धियां हासिल की हैं और हम उनका बचाव करेंगे. उन्होंने राज्य की जनता से शांति और संयम बरतने की अपील की.
केरल विधानसभा चुनाव में भी वाम मोर्चा की हार पर उन्होंने कहा कि राज्य के इतिहास में इतनी कांटे की टक्कर कभी नहीं रही. वहां 140 सदस्यीय विधानसभा में कांग्रेस की अगुवाई वाले यूडीएफ ने 72 सीटों के साथ माकपा के नेतृत्व वाले सत्तारूढ़ मोर्चे को 68 पर समेट कर मात दी.