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उत्तर प्रदेश: गायब हो गए आम आदमी पार्टी उम्मीदवारों के प्रस्तावक

यूपी में आम आदमी पार्टी (आप) की मुश्किलें थमने का नाम नहीं ले रहीं. आधा दर्जन प्रत्याशी टिकट वापस कर चुके हैं तो अरविंद केजरीवाल की दिल्ली में सरकार गिरने के बाद 'आप' से जुड़े कार्यकर्ता भी अब नदारद हो गए हैं.

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प्रतीकात्मक तस्वीर
प्रतीकात्मक तस्वीर

उत्तर प्रदेश में आम आदमी पार्टी की मुश्किलें थमने का नाम नहीं ले रहीं. आधा दर्जन प्रत्याशी टिकट वापस कर चुके हैं तो अरविंद केजरीवाल की दिल्ली में सरकार बनने के बाद 'आप' से जुड़े कार्यकर्ता भी अब नदारद हो गए हैं.

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इलाहाबाद में नामांकन के लिए बुधवार को कलक्ट्रेट पहुंचे आम आदमी पार्टी के प्रत्याशी आदर्श शास्त्री और शिमला श्री के प्रस्तावक गायब हो गए. आधे घंटे प्रस्तावकों का इंतजार करने के बाद दोनों प्रत्याशी नामांकन स्थल से बिना पर्चा भरे लौट गए. शिमलाश्री का कहना है कि उनके प्रस्तावक नहीं पहुंचे लेकिन आदर्श का दावा है कि हलफनामा अधूरा होने की वजह से उनका पर्चा दाखिल नहीं हो सका. दोनों प्रत्याशी बृहस्पतिवार को नामांकन करेंगे.

फूलपुर से 'आप' प्रत्याशी शिमलाश्री और इलाहाबाद से 'आप' उम्मीदवार आदर्श शास्त्री को तय कार्यक्रम के मुताबिक दोपहर 12 बजे तक नामांकन करना था. लेकिन दो बजे तक दोनों नामांकन स्थल पर नहीं पहुंचे. दोपहर सवा दो बजे के आसपास उनका जुलूस कलक्ट्रेट पहुंचा. नामांकन तीन बजे तक होना था. दोपहर ढाई बजे दोनों प्रत्याशी कलक्ट्रेट गेट पर आकर खड़े हुए गए. काफी देर तक वहां तैनात अफसरों को समझ नहीं आया कि दोनों किसका इंतजार कर रहे हैं. किसी ने टोका कि आधा घंटा बचा है, पर्चा नहीं भरा तो खाली हाथ लौटना पड़ेगा.

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टोकने पर शिमलाश्री ने बताया कि उनके दस में दो प्रस्तावक गोपेश त्रिपाठी और आशुतोष नहीं पहुंचे हैं. इसके बावजूद प्रत्याशी शिमलाश्री डीएम कोर्ट में गईं और फूलपुर के रिटर्निंग अफसर और डीएम पी. गुरुप्रसाद के सामने 25 हजार रुपये जमानत राशि जमा की. लेकिन प्रस्तावक की संख्या पूरी नहीं होने पर उन्हें बिना नामांकन किए लौटना पड़ा.

आदर्श शास्त्री भी इलाहाबाद संसदीय सीट से नामांकन करने के लिए सीआरओ कोर्ट में इलाहाबाद के रिटर्निंग अफसर अटल कुमार राय के पास पहुंचे लेकिन जब रिटर्निंग अफसर ने उनसे नामांकन प्रपत्र मांगा तो बोले कि कुछ दिक्कत है. बताया गया कि आदर्श के कुछ प्रस्तावक भी नहीं पहुंचे. लेकिन आदर्श का कहना था कि उनके प्रपत्रों में कुछ कमी थी, इसलिए नामांकन नहीं किया.

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