आम आदमी पार्टी (AAP) दिल्ली चुनावों के मद्देनजर तेजी से फंड जुटाने में लगी है. डिनर, चाय पार्टी और सेल्फी जैसे रचनात्मक और विवादास्पद माध्यमों से चुनावी चंदा जुटा रही है. हालांकि वह 30 करोड़ जुटाने के अपने लक्ष्य से बहुत दूर है और केजरीवाल के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफे के बाद अब तक उसे सिर्फ 4.5 करोड़ रुपये का चंदा मिला है.
इस साल 23 दिसंबर 2014 को पार्टी ने आने वाले चुनावों के लिए चंदा जुटाने के अभियान की शुरुआत की. लेकिन क्या आप जानते हैं कि वे कौन से शहर हैं, जिनसे अब तक आम आदमी पार्टी को सबसे ज़्यादा या कम चंदा मिला है. फिलहाल आम आदमी पार्टी ने अपनी वेबसाइट पर देश और विदेश से मिले 5 शहरों के नाम का खुलासा किया है जहां से पार्टी को सबसे ज्यादा और कम फंड मिला है. ये आंकड़े, 23 दिसंबर 2014 से 6 जनवरी 2015 रात 10 बजे तक के हैं.
देश से मिला चंदा
1. दिल्ली से आम आदमी पार्टी ने सबसे ज़्यादा 1 करोड़ 29 लाख 8 हजार 233 रुपये जुटाए जो कि कुल इकट्ठे चंदे का 38 फीसदी है.
2. महाराष्ट्र चंदा देने के मामले में दूसरे नंबर पर है, जहां से 1 करोड़ 2 लाख 94 हजार 607 रुपए इकट्ठे हुए जो कुल चंदे का 30.5% है.
3. कर्नाटक से 28 लाख 46 हजार 388 रुपये जो कुल फंड का 8.4% है.
4. उत्तरप्रदेश से 19 लाख 5 हजार 627 रुपये जो कुल फंड का 5.8% है.
5. हरियाणा से 10 लाख 3 हजार 693 रुपये जो कुल फंड का 3% है
6. अन्य राज्यों से लगभग 47 लाख 47 हजार 937 रुपये इकट्ठा हुए जो कुल फंड का 14.1% है.
विदेश से मिला चंदा (23 दिसंबर से 6 जनवरी के रात 10 बजे तक के आंकड़े)
1. जाहिर है, भारत से सबसे ज्यादा 3 करोड़ 37 लाख 56 हजार 485 रुपए जुटाए गए जो कुल फंड का 77.1 फीसदी है.
2. विदेशों की सूची में अमेरिका पहले नंबर पर है जहां से 27 लाख 96 हजार 659 रुपये मिले जो कुल फंड का 6.4 फीसदी है.
3. कनाडा से 25 लाख 99 हजार 500 रुपए जो कुल फंड का 5.9 फीसदी है.
4. UAE से 25 लाख 41 हजार 1991 रुपए जो कुल चंदे का 5.8 फीसदी है.
5. इसके बाद सिंगापुर है जहां से पार्टी ने 3 लाख 96 हजार 70 रुपये जबकि बाकी मुल्कों से 17 लाख 9 हजार 188 रुपए जुटाए.
इन तमाम आंकड़ों के बीच पार्टी की चिंता, कम फंड जुटने की वजह से जरूर बढ़ी है, लेकिन आम आदमी पार्टी को लगता है कि महज़ दो महीने में जो चंदा इकट्ठा हुआ है वो उससे संतुष्ट हैं. AAP सचिव पंकज गुप्ता का कहना है कि पिछली बार पार्टी को मनचाहा फंड जुटाने में काफी वक्त लगा था, लेकिन इस बार पार्टी को अभी दो महीने ही हुए हैं और उसने ठीक ठाक चंदा जमा कर लिया है.
विधानसभा चुनाव की घड़ी नज़दीक है और ऐसे में पार्टी ने सड़क से लेकर सोशल मीडिया तक फंड को जुटाने की कवायद तेज़ कर दी है. ख़ुद अरविंद केजरीवाल फंड जुटाने के अलग-अलग अभियानों में शामिल हो रहे हैं, अब देखना दिलचस्प होगा कि पार्टी अपने मिशन को पूरा कर पाने में कितना सफल होती है.