जिस फर्रुखाबाद में रैली कर आम आदमी पार्टी ने सियासी अभियान का आगाज किया, उसी जगह पर पार्टी की हालत पतली है. आलम यह है कि दो-दो दावेदारों ने टिकट लेने से इनकार कर दिया. और जिस शख्स ने ऐन मौके पर पार्टी के टिकट से पर्चा भरा, उसकी जानकारी पार्टी के कई पदाधिकारियों को भी नहीं.
फर्रुखाबाद सीट पर 'आप' प्रत्याशी मुकुल त्रिपाठी ने पार्टी में आंतरिक भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुए टिकट लौटा दिया. इसके बाद पार्टी ने आनन-फानन में ज्ञानेंद्र अवस्थी को अपना प्रत्याशी घोषित किया लेकिन उन्होंने भी अपना नामांकन नहीं किया. नामांकन की आखिरी तारीख 5 अप्रैल थी. उस दिन तारिक परवेज नाम के एक शख्स ने वहां से 'आप' के सिंबल से पर्चा भरा है, हालांकि इस बारे में पार्टी के प्रदेश नेताओं को भी जानकारी नहीं है. प्रदेश मीडिया की जिम्मेदारी संभाल रहे वैभव माहेश्वरी ने बताया कि फर्रुखाबाद से अधिकृत प्रत्याशी ज्ञानेंद्र अवस्थी हैं, उन्होंने पर्चा भरा या नहीं इसकी जानकारी नहीं है.
दिसंबर 2012 में खुद अरविंद केजरीवाल ने फर्रुखाबाद के सांसद और केंद्रीय कैबिनेट मंत्री सलमान खुर्शीद के खिलाफ बड़ा मोर्चा खोला था. उनकी पत्नी के एनजीओ पर विकलांगों को बांटे जाने वाले उपकरणों में गोलमाल का आरोप लगाया था. केजरीवाल ने फर्रुखाबाद में उनके घर के बाहर धरना भी दिया था. साथ ही ऐलान भी किया था कि सलमान खुर्शीद के खिलाफ किसी विकलांग को ही खड़ा करेंगे.