दिल्ली विधानसभा चुनाव के लिए आम आदमी पार्टी ने इस बार अपनी आर्थिक ताकत भी बढ़ाने की तैयारी की है. 2013 में AAP ने दिल्ली में 20 करोड़ खर्च से चुनाव लड़ा था, लेकिन इस बार पार्टी ने अपना बजट बढ़ाकर 25-30 करोड़ रुपए कर दिया है. अंग्रेजी अखबार 'द टाइम्स ऑफ इंडिया' ने यह खबर दी है.
अखबार ने लिखा है कि पार्टी को मौजूदा समय में रोजाना 60 हजार से 2.5 लाख रुपए के बीच डोनेशन मिल रहा है जो थोड़ा निराश करने वाला है. हालांकि पार्टी का मानना है कि जैसे ही दिल्ली विधानसभा चुनाव की तारीख का ऐलान होगा तो डोनेशन भी रफ्तार पकड़ेगा.
अखबार ने पार्टी पार्टी के नेशनल सेक्रेटरी पंकज गुप्ता के हवाले से लिखा है कि पिछली बार चुनाव के लिए 20 करोड़ रुपए जुटाए गए थे लेकिन इस बार पार्टी को यह रकम पर्याप्त महसूस नहीं हुई, क्योंकि दोनों राष्ट्रीय पार्टियां चुनाव प्रचार में बेतहाशा खर्च करने की तैयारी में हैं. फिर इस बार चुनाव आयोग ने भी उम्मीदवार के लिए चुनाव खर्च राशि 14 लाख से बढ़ाकर 28 लाख तक कर दी है. लिहाजा पार्टी ने फैसला किया है कि कार्यकर्ता दानदाताओं से कैश चंदा भी लेंगे और इसकी रसीद भी हाथ के हाथ उन्हें दी जाएगी.
फंड जुटाने के लिए पार्टी अपने कार्यकर्ताओं को एक एप्लीकेशन देगी. इसका नाम 'आप का दान' होगा. यह ऐप सिर्फ कार्यकर्ताओं को ही दी जाएगी. अभी इस ऐप को 30 निर्वाचन क्षेत्रों में परखा जा रहा है. हर वॉलंटियर इस तरीके से तीन हजार रुपए जुटाएगा. इस ऐप के जरिये माध्यम से वॉलंटियर्स एसएमएस और ई-मेल के रूप में रसीद जारी कर सकेंगे और पार्टी इस माध्यम से मिल रहे डोनेशन पर नजर रख सकेगी. गुप्ता का कहना है, 'इस तरह न केवल पारदर्शी ढंग से फंड जुटाया जा सकेगा बल्कि हम ज्यादा लोगों की मदद भी ले पाएंगे.'
गुप्ता का कहना है, फंड जुटाने के लिए एक पूरा प्लान तैयार हो रहा है. पार्टी ने दूसरे देशों में भी अपनी इकाईयों को सक्रिय कर दिया है और अरविंद केजरीवाल समेत पार्टी के वरिष्ठ नेता उनसे गूगल हैंगआउट के जरिए जुड़ेंगे. पिछले साल पार्टी को एक तिहाई डोनेशन विदेशों से मिला था. पार्टी को उम्मीद है कि इस साल यूएस, यूके और सिंगापुर जैसे देशों से कम से कम 10 करोड़ डोनेशन मिलेगा. आम आदमी पार्टी ने लंच के सहारे फंड जुटाने का अभियान भी शुरू किया है जिसमें एक प्लेट के लिए 20 हजार रुपए का डोनेशन लिया जाएगा.