गुजरात के मुख्यमंत्री नरेन्द्र मोदी को आखिरकार पीछे हटना ही पड़ा. मोदी ने अपनी चुप्पी तोड़ते हुए का है कि आडवाणी ही हैं एनडीए के पीएम इन वेटिंग. उद्योगजगत ने उनको पीएम बनाने की वकालत कर दी थी, जिसके बाद पार्टी में भूचाल आ गया था. नरेन्द्र मोदी अपनी पार्टी में चल रही राजनीति पर कम ही बोलते हैं और अगर बोलते भी हैं तो नाप तौल कर.
लेकिन पीएम इन वेटिंग का मसला उठा तो उनको अपनी जुबान खोलनी ही पड़ी. दरअसल उनके राज्य में निवेश करने आए उद्योगपतियों ने उन्हें पीएम इन वेटिंग बताया था और इस बात पर बीजेपी में बवाल मच गया. पार्टी आलाकमान ने साफ कर दिया कि मोदी के लिए दिल्ली में फिलहाल वैकेंसी नहीं हैं. लिहाजा मोदी को सामने आकर आडवाणी का गुणगान करना पड़ा.
मोदी की इन चंद दिनों की खामोशी ने सबको मुश्किल में डाल दिया था. अब भाजपा ने राहत की सांस ली है. नरेंद्र मोदी ने तय कर लिया है वो सीएम ही रहेंगे. पीएम इन वेटिंग का पद आडवाणी के लिए है. लेकिन मोदी के इस फैसले ने दूसरी पीढ़ी के नेताओं में आडवाणी के बाद कौन का सवाल और पेचीदा बना दिया है.