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‘हर हर मोदी’ नारे के खिलाफ चुनाव आयोग पहुंची कांग्रेस

बीजेपी की ओर से वाराणसी में 'हर हर मोदी' के नारे का इस्तेमाल किए जाने के खिलाफ कांग्रेस ने आज चुनाव आयोग का दरवाजा खटखटाया और कहा कि धर्म का इस्तेमाल करना चुनाव आचार संहिता के प्रावधानों के खिलाफ है. मालूम हो कि वाराणसी से बीजेपी के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार नरेंद्र मोदी चुनाव लड़ रहे हैं.

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सोनिया गांधी
सोनिया गांधी

बीजेपी की ओर से वाराणसी में 'हर हर मोदी' के नारे का इस्तेमाल किए जाने के खिलाफ कांग्रेस ने आज चुनाव आयोग का दरवाजा खटखटाया और कहा कि धर्म का इस्तेमाल करना चुनाव आचार संहिता के प्रावधानों के खिलाफ है. मालूम हो कि वाराणसी से बीजेपी के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार नरेंद्र मोदी चुनाव लड़ रहे हैं.

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कांग्रेस ने चुनाव आयोग से बीजेपी की मान्यता समाप्त करने की मांग करते हुए कहा कि मुख्य विपक्षी दल इस बात से इंकार कर रही है कि 'हर हर मोदी, घर घर मोदी' उसका अधिकृत नारा है लेकिन इसके बावजूद वाराणसी में पार्टी कार्यकर्ता इसका इस्तेमाल लगातार कर रहे हैं.

कांग्रेस ने कहा कि मोदी ने वाराणसी में एक जनसभा को संबोधित किया, जहां मंच पर पीछे भगवान शिव का चित्र लगाया गया था जिसकी चुनाव आचार संहिता के तहत इजाजत नहीं है. कांग्रेस के कानूनी प्रकोष्ठ के प्रमुख केसी मित्तल के हस्ताक्षर से दाखिल किए गए ज्ञापन में कहा गया है कि भगवान शिव या महादेव और बनारस में काशी विश्‍वनाथ मंदिर को पूरी दुनिया में धार्मिक पवित्रता प्राप्त है.

हिंदू और भगवान महादेव को मानने वाले सभी श्रद्धालु भगवान का आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए पूरी श्रद्धा के साथ 'हर हर महादेव और घर घर महादेव' का जप करते हैं. इस भजन में कोई मानव भगवान महादेव का स्थान नहीं ले सकता. कांग्रेस ने आरोप लगाया कि लगता है कि बीजेपी की ओर से इस नारे का इस्तेमाल मोदी को भगवान महादेव के रूप में पेश करने की रणनीति का हिस्सा है. ताकि चुनावी फायदे के लिए लोगों की धार्मिक भावनाओं का दोहन किया जा सके.

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अखबारी खबरों का उल्लेख करते हुए ज्ञापन में कहा गया कि बीजेपी ने ‘हर हर मोदी, घर घर मोदी' के नारों के साथ एलसीडी टीवी युक्त 400 मोबाइल वैन की व्यवस्था की है. बीजेपी अब एक नया नारा लेकर आई है ‘दिल में मोदी, घर में मोदी, काशी के कण कण में मोदी’ ज्ञापन में कहा गया है कि इस नए नारे का भी उद्देश्य लोगों की धार्मिक भावनाओं को भड़काना है.

ज्ञापन में यह भी दावा किया गया कि बीजेपी के इस नारे 'अबकी बार मोदी सरकार' को भी इस्तेमाल नहीं किया जा सकता, क्योंकि यह असंवैधानिक और अलोकतांत्रिक है. भारतीय लोकतंत्र में किसी व्यक्ति को नहीं अकेले राजनीतिक दलों को सरकार बनाने को कानूनी अधिकार है.

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