पहली बार एम्स का कोई बड़ा डॉक्टर अपनी नौकरी छोड़कर चुनावी मैदान में उतरा है. पिछले 39 साल से एम्स में कार्य कर रहे नेत्र विशेषज्ञ डॉ. राजवर्धन आजाद के इस फैसले का एम्स के कई डाक्टरों ने स्वागत किया है. इंडियन मेडिकल एसोसिएशन उनका खुल कर समर्थन करने का ऐलान कर चुकी है. लेकिन आजाद को अपने परिवार का विरोध झेलना पड़ रहा है. उनका परिवार नहीं चाहता कि वह चुनाव लड़ें.
आपको बता दें कि बीजेपी के सांसद कीर्ति आजाद डॉ. राजवर्धन के भाई हैं और वो उनके जेडीयू के टिकट से लड़ने पर पर नाराज हैं. उनका कहना है कि इस समय देशभर में मोदी लहर है. ऐसे में बिना किसी से सलाह लिए डॉ. आजाद जेडीयू से लड़ रहे है.
इस समय चुनाव प्रचार में व्यस्त डॉ. आजाद ने फोन पर ही बताया कि वो अपने इस फैसले से खुश हैं. उन्होंने कहा कि बहुत समय मरीजों की सेवा की, अब देश के लिए कुछ करना चाहता हूं.
परिवार से चाहे विरोध मिल रहा हो लेकिन आईएमए डॉ आजाद को हर संभव मदद करने की तैयारी कर रहा है. आजाद झारखड गोंडा सीट से चुनाव लड़ रहे हैं और वहां के डॉक्टर उनके लिए चुनाव प्रचार की रणनीति से लेकर चुनाव के दिन उनके एजेंट की भी जिम्मेदारी संभालेंगे. आईएमए के सचिव डॉ नरेंद्र सैनी के मुताबिक वो डॉ. आजाद समेत हर उस डॉक्टर का समर्थन करेंगे जो चुनाव में खड़ा है.
आईएमए ने अपना हेल्थ एजेंडा भी बनाया है जो हर चुनाव लड़ने वाले डॉक्टर को दिया जा रहा है जिससे चुनाव जीतने के बाद वो उसे लागू करवाने के लिए काम करे. एजेंडा में प्रमुख है- दवाओं को सस्ती उपलब्ध करवाना, जैनरिक दवाओं की क्वालिटी पर ध्यान देना, देशभर में 5 लाख डॉक्टरों की कमी को पूरा करवाने के लिए नए मेडिकल कॉलेज खुलवाना, देश में 10 लाख नर्सों की कमी और 15 लाख के करीब पैरामेडिकल स्टाफ की कमी को पूरा करने के लिए इंस्टीट्यूट खुलवाना.