छत्तीसगढ़ के पहले मुख्यमंत्री और मौजूदा वक्त में विधायक अजित जोगी ने इस बार लोकसभा चुनाव के लिए ऐसा दांव चला कि हर कोई हक्का बक्का रह गया. उनके मुकाबले बीजेपी की तरफ से कैंडिडेट थे चंदू लाल साहू.
इन चंदू लाल को पटखनी देने के लिए अजित जोगी ने चंदू नाम के 10 निर्दलीय प्रत्याशी खड़े कर दिए.
इसमें सात प्रत्याशी चंदू लाल साहू नाम के थे. तीन प्रत्याशियों के नाम चंदू राम साहू थे. मकसद साफ था. विरोधी को मिलने वाले वोटों में बंटवारा. महासमुंद की ट्राइबल बेल्ट में ये ट्रिक काम कर जाती. मगर अजित जोगी की होशियारी जनता के सामने अंततः धरी रह गई. इन सभी प्रत्याशियों को कुल मिलाकर 67208 वोट मिले. फिर भी कांग्रेस के अजित जोगी बीजेपी के चंदूलाल साहू से लगभग 1 हजार वोटों से चुनाव हार गए.
बीजेपी के चंदू लाल साहू को 4 लाख 87 हजार 852 वोट मिले, जबकि अजित जोगी को 4 लाख 86 हजार 864. अब कहने को क्या रह जाता है. आप तो बस तसल्ली से मतगणना की ये लिस्ट देखिए.
मथुरा और वेस्ट दिल्ली सीट पर दिखा ये नजारा
राष्ट्रीय लोकदल ने मथुरा में भी यही ट्रिक अपनाई और बीजेपी की हेमा मालिनी के खिलाफ निर्दलीय हेमा मालिनी को उतारा. हालांकि बीजेपी कैंडिडेट हेमा मालिनी यहां लगभग 3 लाख 30 हजार वोटों से जीत गईं लेकिन निर्दलीय हेमा मालिनी को भी 10 हजार वोट मिले.
कुछ ऐसा ही राष्ट्रीय राजधानी की वेस्ट दिल्ली सीट पर देखने को मिला. यहां से आम आदमी पार्टी के कैंडिडेट जरनैल सिंह मैदान में थे. जबकि इसी नाम के दो और कैंडिडेट भी यहां से निर्दलीय चुनाव लड़ रहे थे. एक निर्दलीय जरनैल सिंह को 5,960 वोट मिले जबकि दूसरे निर्दलीय जरनैल सिंह को 84,722 वोट मिले और वो चौथे नंबर पर रहा. गौरतलब है कि आम आदमी पार्टी के कैंडिडेट जरनैल सिंह यहां बीजेपी के प्रवेश वर्मा के हाथों 2,68,586 वोटों से हारे.