महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव से ठीक पहले सियासतदानों की बेबाक बयानबाजी तेज हो गई है. एनसीपी नेता अजित पवार ने पहली बार खुलकर कह दिया है कि वे सीएम बनना चाहते हैं. हालांकि उन्होंने यह भी साफ कर दिया है कि उनकी पार्टी सीएम के तौर पर किसी को 'प्रोजेक्ट' नहीं करने जा रही है.
अजित पवार ने पहली बार हिंदी में इंटरव्यू देते हुए कहा, 'हां, मैं मुख्यमंत्री बनना चाहता हूं.' अजित पवार का यह बयान ऐसे वक्त पर आया, जब महाराष्ट्र में एनसीपी और कांग्रेस के बीच सीटों के बंटवारे के मुद्दे पर गठबंधन टूट चुका है. दोनों पार्टियों में से कोई भी अंत तक झुकने को तैयार नहीं हुई और चुनाव आते-आते दोनों ने अलग रास्ता ले लिया.
अजित पवार ने साफ कर दिया है कि एनसीपी बीजेपी या शिवसेना के साथ किसी तरह का गठबंधन नहीं करने जा रही है. उन्होंने कहा कि पार्टी के लिए सेकुलरिज्म की ज्यादा अहमियत है.
एनसीपी में अंदरूनी कलह की बात से इनकार करते हुए अजित पवार ने कहा कि वे खुद प्रदेश की राजनीति में हैं, जबकि उनकी बहन दिल्ली में हैं.
अजित पवार ने कहा, 'हाल के दिनों में जान-बूझकर मेरी और पार्टी की छवि खराब करने की कोशिश की गई.' उन्होंने पृथ्वीराज चव्हाण को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि सीएम को कोई ऐसा बयान नहीं देना चाहिए था, जिससे हमारी छवि खराब होती हो.
अजित पवार ने कहा, 'पहले कांग्रेस के सीएम से हमारे अच्छे ताल्लुकात थे. उनका कहना है कि उनकी छवि साफ-सुथरी है, फिर अचानक चुनाव से ठीक पहले इतने सारे फैसले क्यों किए गए?'
अजित ने खम ठोककर कहा, 'कोई भी मुझे जेल नहीं भिजवा सकता है. मैंने कुछ भी गलत नहीं किया है.' उन्होंने कहा कि केंद्र में मोदी सरकार बनने के बाद जनता ने महाराष्ट्र में किसी एक ही पार्टी को वोट देने का मन बनाया है. उन्होंने दावा किया कि महाराष्ट्र में पब्लिक ने एनसीपी को वोट देने का मन बनाया है.
चुनाव की चर्चा को आगे बढ़ाते हुए अजित पवार ने कहा कि उन्होंने पहले ही कहा था कि प्रदेश में सभी पार्टियों को अलग-अलग ही चुनाव लड़ना चाहिए, जिससे उन्हें अपनी ताकत का अंदाजा हो जाए.