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मोदी सरकार धार्मिक अल्पसंख्यकों के लिए नुकसानदेह: अमेरिका

भारत और अमेरिका दोनों जगहों के अनेक प्रमुख अधिकारियों और विशेषज्ञों ने अमेरिकी सांसदों से कहा है कि भारत में केंद्र में बीजेपी नीत सरकार धार्मिक अल्पसंख्यकों के बुनियादी हितों के लिए नुकसानदेह होगी.

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नरेंद्र मोदी
नरेंद्र मोदी

भारत और अमेरिका दोनों जगहों के अनेक प्रमुख अधिकारियों और विशेषज्ञों ने अमेरिकी सांसदों से कहा है कि भारत में केंद्र में बीजेपी नीत सरकार धार्मिक अल्पसंख्यकों के बुनियादी हितों के लिए नुकसानदेह होगी.

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भारत में धार्मिक अल्पसंख्यकों की खराब हालत पर अमेरिकी संसद के टॉम लैंटोस ह्यूमन राइट्स कमीशन के समक्ष अपनी बातें रखते हुए अमेरिकी अंतरराष्ट्रीय धार्मिक स्वतंत्रता आयोग की उपाध्यक्ष कैटरीना लैंटोस ने कहा कि उनका आयोग भारत के हालात पर नजदीक से निगाह रख रहा है. कैटरीना ने कहा कि ढेर सारे धार्मिक अल्पसंख्यक समुदायों ने आयोग को बताया है कि उन्हें डर है कि बीजेपी की जीत और देश के प्रधानमंत्री के रूप में नरेंद्र मोदी का चुनाव उनके लिए और धार्मिक स्वतंत्रता के लिए नुकसानदेह होगा.

बीजेपी ने 1998 और 2004 के बीच राष्ट्रीय सरकार का नेतृत्व किया था. उन्होंने कहा कि 2002 और 2004 के बीच आयोग ने सिफारिश की थी कि सरकार की ओर से धार्मिक स्वतंत्रता के व्यवस्थित, जारी और स्तब्धकारी उल्लंघन के लिए अमेरिकी विदेश मंत्रालय भारत को किसी खास चिंता वाला देश (कंट्री ऑफ पार्टिकुलर कंसर्न) नामित करे.

कैटरीना ने कहा कि आयोग लंबे समय से हिंदू राष्ट्रवादी संगठनों के साथ बीजेपी और मोदी के निकट संबंधों पर चिंता जताते आया है. उन्होंने कहा कि इन समूहों, खासकर अतिवादी एजेंडा या अल्पसंख्यकों के खिलाफ हिंसा उपयोग करने के इतिहास वाले संगठनों की गतिविधियां अक्‍सर देश में धार्मिक स्वतंत्रता की स्थिति पर नकारात्मक प्रभाव डालती हैं. आयोग के उपाध्यक्ष ने कहा कि इनमें से ढेर सारे समूह संघ परिवार के बैनर तले हैं. उनमें विश्‍व हिंदू परिषद, बजरंग दल और राष्ट्रीय स्वंयसेवक संघ समेत करीब 30 संगठन हैं.

आक्रामकता के लिए जोर डालता है संघ
कैटरीना ने कहा कि संघ परिवार आक्रामक रूप से ऐसी सरकारी नीतियों के लिए जोर डालते हैं जो हिंदू राष्ट्रवादी एजेंडा को बढ़ावा दे और अलग अलग हद तक हिंदुत्व की विचारधारा से जुड़े हैं जो गैर-हिंदुओं को विदेशी करार देती है. इस बीच, अमेरिकी संसद के अब तक के पहले हिंदू सांसद तुलसी गैबार्ड ने संसदीय सुनवाई के समय पर सवाल खड़ा किया और आरोप लगाया कि इसका लक्ष्य भारतीय चुनाव को प्रभावित करना है. तुलसी ने कहा कि मैं नहीं मानती कि इस सुनवाई का समय कोई संयोग है. भारत में राष्ट्रीय चुनाव सोमवार को शुरू होंगे और 12 मई तक चलेंगे. मैं चिंतित हूं कि इस सुनवाई का लक्ष्य भारत के राष्ट्रीय चुनाव के नतीजे को प्रभावित करना है जो अमेरिकी संसद को कोई उचित भूमिका नहीं है.

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