भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार नरेंद्र मोदी के खास सिपहसालार अमित शाह के विवादित बयान पर चुनाव आयोग के नोटिस का जवाब दिया है. बीजेपी ने अपने जवाब में कहा है कि अमित शाह द्वारा भाषण में इस्तेमाल किए गए 'बदले' का मतलब 'बदलाव' से था. इसके साथ ही बीजेपी ने यूपी सरकार पर भी आरोप लगाया है. बीजेपी का कहना है कि स्थानीय प्रशासन ने सीडी के साथ छेड़छाड़ की है और शाह के भाषण के कुछ हिस्सों को मिटा दिया गया है.
आपको बता दें कि अमित शाह पर मुजफ्फरनगर दंगा मामले पर कथित भड़काऊ भाषण देने का आरोप है. जिसके खिलाफ कांग्रेस ने शिकायत की थी जिस पर कार्रवाई करते हुए चुनाव आयोग ने उनसे जवाब मांगा था.
गौरतलब है कि अमित शाह ने मुजफ्फरनगर दंगों से प्रभावित पश्चिमी उत्तर प्रदेश के बिजनौर में हाल में ही एक बैठक में कहा था कि यह चुनाव उस सरकार को मतदान के द्वारा बाहर करने का है जिसने उन लोगों को मुआवजे दिए जिन्होंने जाटों को मारा. यह बदले और इज्जत की रक्षा के लिए है. शाह का यह विवादास्पद बयान ऐसे वक्त आया है जब प्रतिद्वंद्वी दल उन पर क्षेत्र का माहौल खराब करने का आरोप लगा रहे हैं.
मुजफ्फरनगर में पिछले साल सितंबर में जाटों और मुसलमानों के बीच दंगे की आग भड़की थी. इसमें 40 से ज्यादा लोग मारे गये थे तथा 50 हजार से अधिक बेघर हो गये थे. शाह ने शुक्रवार को मुजफ्फरनगर दंगों के एक आरोपी सुरेश राणा के साथ जाकर गुर्जर, राजपूत और दलित नेताओं से मुलाकात की थी. शाह ने कथित तौर पर उनसे कहा था 'कोई व्यक्ति भोजन और नींद के बिना रह सकता है. वह भूखा और प्यासा भी रह सकता है लेकिन वह अपमानित होकर नहीं जी सकता. अपमान का बदला लेना होगा.'