बीजेपी के महासचिव और यूपी के चुनाव प्रभारी अमित शाह ने कहा है कि एक बार
नरेंद्र मोदी प्रधानमंत्री बन गए तब उनके बारे में मुसलमानों की आशंकाएं
समाप्त हो जाएंगी क्योंकि इसके लिये नीतिगत पहल की जाएगी. मोदी के काफी
करीबी माने जाने वाले शाह ने इन आलोचनाओं को सिरे से खारिज कर दिया कि मोदी
का कद पार्टी से बड़ा हो गया है. उन्होंने कहा कि मोदी और पार्टी एक दूसरे
से अलग नहीं हैं.
शाह ने कहा कि अगर मोदी प्रधानमंत्री बने तब किसी को डरने की जरूरत नहीं है जैसा भ्रम कांग्रेस और कुछ अन्य दल फैला रहे हैं. उन्होंने कहा, 'अगर मोदी प्रधानमंत्री बने तब शासन के अपने आधार पर इन आशंकाओं का समाधान निकाला जाएगा. यह इससे पहले नहीं होगा. मीडिया में लंबे समय से इसे जारी रहने के बाद इन आशंकाओं ने जड़ें बना ली हैं.'
शाह ने दावा किया कि वाराणसी के रोड शो में अन्य लोगों के साथ काफी संख्या में मुसलमानों ने मोदी का खुले मने से स्वागत किया और इसके लिए पार्टी पवित्र नगरी के लोगों की आभारी है. मोदी लहर के बारे एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि लहर बीजेपी और मोदी दोनों के लिए है. मोदी लहर और बीजेपी लहर यह मीडिया की उत्पत्ति है. मोदी और बीजेपी को अलग नहीं किया जा सकता है.
यह पूछे जाने पर कि अगर सरकार बनाने के लिए नए सहयोगियों की जरूरत पड़ी तब बीजेपी पहल करेगी, शाह ने कहा कि पार्टी को 272 सीट से अधिक मिलने का भरोसा है क्योंकि देशभर में पार्टी को काफी समर्थन मिल रहा है. यूपी में बीजेपी की उम्मीदों के बारे में पूछे जाने पर शाह ने कहा कि वह सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरेगी जहां 2009 में उसे केवल 10 सीटें मिली थी. उन्होंने कहा, मैं संख्या के बारे में बात नहीं करना चाहता. पिछले चुनाव में हमें 10 सीटें मिली थी, इस बार हम सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभरेंगे और पहले और दूसरे स्थानों के बीच सीटों का बड़ा अंतर रहेगा.'
शाह ने कहा कि पार्टी ने मोदी को इस क्षेत्र से चुनाव लड़ाने का फैसला किया है ताकि पूर्वांचल और बिहार में पार्टी को मदद मिल सके. उन्होंने कहा, 'यह बीजेपी का आंतरिक मामला है. उन्हें हिन्दी पट्टी में कहीं से भी लड़ना था. पार्टी ने आकलन किया कि उन्हें वाराणसी से लड़ाने से पूरे पूर्वांचल, बिहार और आसपास के इलाके में मदद मिलेगी.'
वाराणसी में मोदी की रैली को मिले जबर्दस्त समर्थन का जिक्र करते हुए शाह ने कहा कि यह पार्टी की संभावनाओं को प्रदर्शित करता है. चुनाव में मोदी के बड़ी मात्रा में धन खर्च करने के आरोपों के बारे में पूछे जाने पर शाह ने इन्हें आधारहीन करार देते हुए कहा कि अगर कांग्रेस के पास सबूत है तब वह चुनाव आयोग के पास जा सकता है. उनके और बीजेपी के कई नेताओं के आपत्तिजनक बयान देने के बारे में पूछे जाने पर शाह ने कहा कि उनका कहना यह नहीं था जैसा कि चुनाव आयोग की ओर से पेश किया गया लेकिन वह आयोग के निर्देशों को स्वीकार करते हैं. उन्होंने कहा, 'मैं पहले ही कह चुका हूं कि मेरा इरादा यह नहीं था और मैं आयोग की बात स्वीकार करता हूं.'