दिल्ली में सियासत की बिसात बिछ चुकी है. एक छोर पर आम आदमी पार्टी के अरविंद केजरीवाल हैं तो दूसरी पर बीजेपी की किरण बेदी. दोनों भ्रष्टाचार के खिलाफ अन्ना आंदोलन से निकले हैं. लेकिन इन सब के बीच दोनों के 'गुरु' अन्ना हजारे उनकी राजनीतिक पारी से बहुत ज्यादा खुश नजर नहीं आ रहे हैं. आजतक के साथ खास बातचीत में अन्ना ने जहां बेदी के बारे में कुछ भी बोलने से इनकार कर दिया, वहीं कहा कि दोनों आंदोलन से निकले हैं और कोई एक सीएम बनेगा इसलिए वह खुश हैं. अन्ना ने मोदी सरकार पर भ्रष्टाचार के खिलाफ उदासीनता का आरोप लगाते हुए कहा कि वह मार्च-अप्रैल में फिर से आंदोलन करेंगे.
अन्ना ने कहा कि राजनीति में आने के बाद अरविंद केजरीवाल उन्हें भूल गए हैं और उनके बीच महाराष्ट्र सदन के अलावा कभी मुलाकात नहीं हुई. अन्ना ने कहा कि किरण बेदी ने उनसे कभी बात नहीं की और इसलिए वह दोनों के बारे में कुछ भी नहीं कहना चाहते. अन्ना ने कहा कि मुख्यमंत्री बनने के बाद अरविंद केजरीवाल ने उन्हें कभी याद नहीं किया और उन्हें सिर्फ सत्ता की परवाह है.
एक जैसी है मोदी और मनमोहन सरकार
भ्रष्टाचार के मुद्दे पर नरेंद्र मोदी सरकार को आड़े हाथों लेते हुए अन्ना ने कहा कि आठ महीने बीत गए हैं, लेकिन सरकार इस मुद्दे पर मौन है. भूमि अधिग्रहण और कालेधन के मुद्दे पर भी सरकार उदासीन है. बीजेपी ने वादा किया था कि हर आदमी के अकाउंट में 15 लाख आएंगे, 15 पैसे तक नहीं आए. अन्ना ने कहा, 'कांग्रेस की सरकार के कार्यकाल में भ्रष्टाचार चरम पर था. इसी कारण वह सत्ता में वापस नहीं आई. आज राज्यों में डुप्लीकेट लोकपाल बनाया गया है. अगर सरकार की मर्जी से लोकपाल बनता है तो वह किसी काम का नहीं है.' अन्ना ने कहा कि भ्रष्टाचार विरोधी 5 बिल अटके पड़े हैं, लेकिन सरकार कोई सुध नहीं ले रही है.
दिल्ली सोच-समझकर वोट करे
अन्ना ने दिल्ली के मतदाताओं से अपील की है कि वह सोच-समझकर वोट करें. अन्ना ने कहा, 'किस आदमी को वोट दे रहें है. इससे पहले यह देखें कि किस पार्टी को वोट दे रहे हैं.' अन्ना ने कहा कि बेदी और केजरीवाल दोनों भ्रष्टाचार के खिलाफ आंदोलन से निकले हैं, ऐसे में अगर इनमें से कोई भी सीएम बनता है तो उन्हें खुशी होगी.