अमूमन जब कोई राजनेता प्रेस कॉन्फ्रेंस करता है, तो हम उसकी अहम बातों को खबर में ऊपर रखते हैं. मगर आज ऐसा नहीं करेंगे. क्योंकि आज आमिर खान के शब्दों में कहें तो बात ऐसी कही जा रही थी, जो सीधे दिल को छू रही थी. ये बात कह रहे थे आम आदमी पार्टी के अरविंद केजरीवाल. तो अब बिना किसी भूमिका के पढ़िए दिल्ली चुनाव के बाद अरविंद की प्रतिक्रिया, उन्हीं के शब्दों में, ज्यों का त्यों...
'आज के नतीजे कई मायनों में ऐतिहासिक हैं. अभी तक देश की राजनीति बीजेपी, कांग्रेस और चंद पार्टियों की धरम, जाति, भ्रष्टाचार और अपराध की राजनीति की गुलाम बन गई थी. लोगों का देश में जीना मुश्किल हो गया था, करप्शन और महंगाई के चलते. लोगों के पास कोई चारा नहीं बचा था. तो लोगों ने तय किया कि वे चुनाव लड़ेंगे. दिल्ली में देश के आम लोगों ने चुनाव लड़ा. ये चुनाव पहली बार सच्चाई औऱ ईमानदारी के ऊपर लड़ा गया.
इस चुनाव में सबसे बड़ा मुद्दा था ईमानदार राजनीति. अभी तक राजनीति का मतलब होता था गुंडागर्दी, गलत चीजें, करप्शन. पहली बार जनता ने कोशिश की. आज के नतीजे दिखाते हैं जनता बीजेपी-कांग्रेस की भ्रष्ट राजनीति से तंग आ गई है. अगर ये पार्टियां नहीं बदलेंगी, तो जनता इन्हें उखाड़ फेंकेगी.
हम लोग कौन लोग हैं, आम लोग हैं. बहुत सामान्य लोग हैं. आप देखिए किन लोगों ने बडे़-बड़े दिग्गजों को हराया. राखी बिड़ला एक छोटी सी लड़की, सामान्य सी पत्रकार, उसने मंगोलपुरी से कांग्रेस के राजकुमार चौहान जैसे दिग्गज को हराया. अखिलेश त्रिपाठी. सामान्य सा लड़का. दिल्ली में सिविल सर्विस की तैयारी करने आया था. उसमे मॉडल टाउन से जीत दर्ज की. कमांडो सुरिंदर सिंह. देश की सीमाओं पर लड़ने वाला. उसने कैंट में एक दिग्गज को हराया. अंबेडकर नगर सीट पर अशोक चौहान. जिसने 40 साल से जीतते आ रहे चौधरी प्रेम सिंह को हराया.
धर्मेंद्र कोली, संतोष कोली का भाई, संतोष की हत्या कर दी गई इस जंग के अंदर. जनता ने बदला लिया. धर्मेंद्र इतने बड़े मार्जिन से जीता. उसने 20 साल से विधायक धींगान जी को हराया. ये लोग, ये इस देश के आम लोग हैं. जिस दिन इस देश की आम जनता खड़ी हो जाती है. देश के सिंहासन डोल जाते हैं.
ये हमारी नहीं इस देश के लोगों की जीत है. देश के लोग बीजेपी कांग्रेस को सुधार का संदेश देना चाहते हैं.इन चुनावों के अंदर कई सारी चीजें पहली बार हुईं. ईमानदार राजनीति की शुरुआत, चंदे का एक-एक रुपये का हिसाब. एस्टीमेट लगाया हमने. दिल्ली में 20 करोड़ चाहिए और ये इकट्ठा होते ही हमने चंदा लेना बंद कर दिया. दुनिया के इतिहास में ऐसा पहले कभी नहीं कि किसी पार्टी ने चुनाव के पहले चंदा लेना बंद कर दिया हो. इतना ही नहीं, चुनाव के चार दिन पहले हमारे एक कैंडिडेट पर इल्जाम लगा, तो हमने उसे मैदान से हटा लिया.
पहली बार यह साबित हो गया कि देश में ईमानदारी से चुनाव लड़ सकते हैं और देशभक्त लोग राजनीति में आ सकते हैं. इस मौके पर मैं दो शब्द अपने उन साथियों के लिए भी कहना चाहूंगा, जो चुनकर आए हैं. अभी तक हम विरोध करते थे. दोस्तों जनतंत्र जनता का शासन होता है. जनतंत्र सेवा का नाम है, जो-जो चुनकर आए हैं, उनसे निवेदन करना चाहूंगा कि वे तन मन धन से वैसी सेवा करें, जिसकी हम दूसरों से उम्मीद किया करते थे.
मैं हर्षवर्धन साहब को और बीजेपी को बधाई देना चाहता हूं. उनको जो इतनी सीटें मिली हैं. हमारी कोई शीला जी से निजी दुश्मनी नहीं है. ये लड़ाई मुद्दों की लड़ाई है. ये मूल्यों की लडा़ई है. हम करप्शन और महंगाई के खिलाफ हैं. मैं उन सभी वॉलंटियर्स का धन्यवाद देता हूं, जो अपनी नौकरियां छोड़कर आए. अभी तक चुनावी राजनीति पेड वर्कर्स के दम पर लड़ी जाती थी. लोगों को हायर किया जाता था. पहली बार चुनाव जनता ने, वॉलंटियर्स ने लड़ा है. कौन हैं ये. इस देश की जनता है. जिन्होंने बीड़ा उठाया था.
लोग दुकान बंद कर. छुट्टी लेकर, नौकरी छोड़कर आए. उन सबका धन्यवाद.उनके परिवारों का धन्यवाद, जिन्होंने मुश्किलों का सामना कर ये कर दिखाया. दिल्ली की जनता को बधाई जिन्होंने इस ईमानदार राजनीति की शुरुआत की, जो केवल दिल्ली तक सीमित नहीं रहेगी, पूरे देश में फैलेगी.
पूरी यात्रा में मुझसे या मेरे साथियों से अगर कोई गलती हुई हो. किसी को पीड़ा पहुंची हो, जाने अनजाने में, तो मैं माफी मांगना चाहता हूं.
जय हिंद