कांग्रेस के पूर्व नेता अरविंदर सिंह लवली कांग्रेस को छोड़कर बीजेपी में शामिल हो गए हैं. एमसीडी चुनाव से ठीक पहले कांग्रेस को बड़ा झटका लगा है. बीजेपी ज्वाइन करने के बाद लवली ने कहा कि उन्होंने पार्टी नेतृत्व पर सवाल उठाए.
अरविंदर सिंह लवली ने कहा कि कांग्रेस अब पहले जैसी नहीं रही. पार्टी नेतृत्व से नेताओं की बात तक नहीं होती है, तो लोगों से क्या बात होगी. वालिया साहब और मंगत राम सिंघल से भी बात नहीं की. मैनिफेस्टो का अचानक पता चला और मुझे बुलाया भी नहीं गया. लवली ने पार्टी में अपनी अनदेखी का भी जिक्र किया. उन्होंने कहा कि जहां आत्म सम्मान ही नहीं वहां कैसे रहा जा सकता है.
इसके साथ ही उन्होंने कहा कि, '1984 के बाद कोई सिख पार्टी से नहीं जुड़ता था. मेरी जान को खतरा था फिर भी पार्टी में रहा, सिखों को जोड़ा. मैं ऐसे समय में अध्यक्ष बना जब जिम्मेदारी लेने को कोई तैयार नहीं था. लेकिन पार्टी ने कोई सबक नहीं लिया. नेता कह रहे हैं कि टिकट बिक रहे हैं लेकिन कोई सुनने वाला भी नहीं है.'
लवली ने कहा कि मैंने 2015 में अपनी सीट की कुर्बानी दी. उसे अध्यक्ष बनाया जसकी जमानत भी नहीं बची. पूरे देश में मैं अकेला अध्यक्ष था जिसे बिना वजह का हटाया गया. मैंने कोई ऐतराज नहीं किया, दो साल तक शांत रहा.
अरविंदर सिंह लवली ने कहा कि कांग्रेस पार्टी खत्म हो चुकी है. लवली ने राहुल गांधी की कुशलता पर भी सवाल उठाए. वो बोले कि राहुल गांधी पार्टी नहीं चला पा रहे हैं. लवली ने अपना दर्द बयान करते हुए कहा कि मेरा कसूर बस इतना है कि मैं जमीन की राजनीति करता हूं. इन लोगों को खतरा लगे तो मैं क्या करूं.
शीला दीक्षित पर भड़के
अरविंदर लवली ने पूर्व सीएम शीला दीक्षित पर भी टिप्पणी की. लवली ने कहा कि अजय माकन से स्कोर सेटल करने के चक्कर में वो उन्हें गद्दार बोल रहीं हैं. 'शीला जी को वफादारी मुबारक हो. सहमत रहा या असहमत रहा लेकिन मैंने शीला जी के सम्मान में कोई कमी नहीं रखी. मैंने बुरे समय में सबको सम्मान दिया, जब शपथ लिया तो शीला जी को अपनी गाड़ी में लेकर आया. मेरी हैसियत नहीं तो डर क्यों रहे हैं.'
राज बब्बर को बताया बोझ
लवली ने कहा, 'इस चुनाव में दिल्ली के लोग बताएंगे कि जिन्हें पैसे लेकर टिकट दिया गया वो कैसे जीतेंगे. मैं मैनिपुलेटर नहीं हूं, कल रात तक चुनाव प्रचार में राज बब्बर के साथ था. जो मुझे गद्दार कह रहे हैं वो खुद बोझ हैं. किसी काम के लायक नहीं.'