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वाड्रा पर फिर बरसे खेमका, कहा- 10 साल से मचा रखी है लूट, EC से नहीं मिली कोई क्लीन चिट

रॉबर्ट वाड्रा लैंड डील में व्हिसलब्लोअर की भूमिका निभाने वाले हरियाणा कैडर के आईएएस अधिकारी अशोक खेमका ने एक बार फिर वाड्रा के खिलाफ हल्ला बोला है. खेमका ने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के दामाद वाड्रा पर हमला किया कि इन्होंने 10 साल से लूट मचा रखी है. उन्होंने कहा कि चुनाव आयोग से मिली क्लीन चिट से यह साबित नहीं होता है कि इस लैंड डील में आर्थिक गड़बड़ी नहीं की गई थी.

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IAS अधिकारी अशोक खेमका
IAS अधिकारी अशोक खेमका

वाड्रा लैंड डील में व्हिसलब्लोअर की भूमिका निभाने वाले हरियाणा कैडर के आईएएस अधिकारी अशोक खेमका ने एक बार फिर वाड्रा के खिलाफ हल्ला बोला है. खेमका ने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के दामाद रॉबर्ट वाड्रा पर हमला किया कि इन्होंने 10 साल से लूट मचा रखी है. उन्होंने कहा कि चुनाव आयोग से मिली क्लीन चिट से यह साबित नहीं होता है कि इस लैंड डील में आर्थिक गड़बड़ी नहीं की गई थी.

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एक बिजनेस न्यूज पेपर से बातचीत में खेमका ने कहा, ‘इस मामले में कोई आचार संहिता उल्लंघन का मामला नहीं बनता है क्योंकि यह डील हरियाणा में आचार संहिता लागू होने की तारीख 12 सितंबर से पहले की गई थी. लेकिन 10 साल से मची लूट को इस तरह से दोष मुक्त नहीं करार दिया जा सकता. चुनाव आयोग ने केवल इतना कहा है कि यह आचार संहिता का उल्लंघन नहीं है. इसका मतलब भ्रष्टाचार मामले में वाड्रा के लिए क्लीन चिट बिल्कुल भी नहीं है.’

उन्होंने कहा, ‘भ्रष्टाचार एक उलझा हुआ मुद्दा है और इसे सिर्फ ऐसे नहीं देखा जाना चाहिए कि एक ने पैसा दिया और दूसरे ने उसे लिया.’

अपने 23 साल के करियर में 44 ट्रांसफर देख चुके खेमका ने कहा, ‘चुनाव आयोग ने केवल उन्हीं तथ्यों के आधार पर इसे आचार संहिता का उल्लंघन नहीं माना है जो उसके समक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा सरकार ने पेश किया.’ खेमका ने अपनी प्रतिक्रिया में यह साफ-साफ कहा कि चुनाव आयोग यह कहने वाला कोई नहीं होता कि इस डील में कोई भ्रष्टाचार नहीं हुआ.

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उधर केंद्रीय कानून मंत्री रवि शंकर प्रसाद ने इस डील में राज्य सरकार की भूमिका पर प्रश्न उठाया है जबकि कांग्रेस नेता सलमान खुर्शीद ने सभी आरोपों को खारिज करते हुए इसे प्रक्रिया में बाधा उत्पन्न करना बताया है.

गौरतलब है कि हरियाणा में 15 अक्टूबर को विधानसभा चुनाव होने हैं. चुनावी आचार संहिता लागू होने का बाद वाड्रा के मालिकाना हक वाली कंपनी द्वारा डीएलएफ को बेची गई जमीन के दाखिल खारिज को हरियाणा सरकार की मंजूरी मिलने से विवाद खड़ा हो गया था. राजनीतिक पार्टियों ने वाड्रा और डीएलएफ के बीच हुए लैंड डील की इस मंजूरी को आचार संहिता का उल्लंघन करार देते हुए चुनाव आयोग से शिकायत की थी. लेकिन चुनाव आयोग ने बुधवार को इस लैंड डील को मिली मंजूरी को आचार संहिता का उल्लंघन नहीं माना.

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