असम में बीजेपी की जीत के पीछे एक नाम हिमंता बिश्वा सरमा का भी है. जिन्होंने कांग्रेस का दामन छोड़ बीजेपी का हाथ थामा था. हिमंता ने चुनाव जीतने के बाद कहा कि उन्होंने कई बार राहुल गांधी से मिलने की कोशिश की. लेकिन उस वक्त राहुल को कुत्तों के साथ खेलना ज्यादा सही लगा.
हिमंता ने कांग्रेस से खफा होकर बीजेपी का साथ देने का फैसला लिया था. उन्होंने कहा कि जब वे कांग्रेस में थे तो राहुल गांधी से मिलने की कई बार कोशिश की. लेकिन उन्होंने एक बार भी मेरी बात नहीं सुनी. फिर जब सरमा बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह से मिले तो राहुल ने उन्हें एक मैसेज भेजा, लेकिन सरमा ने रिप्लाई किया 'अब आपका समय खत्म हुआ'.
सरमा 2011 में हुए असम विधानसभा चुनावों में सबसे मजबूत बनकर उभरे थे लेकिन उन्हें पार्टी में ज्यादा अहमियत नहीं दी जा रही थी.
'राहुल को नौकर-मालिक का रिश्ता पसंद'
एक न्यूज चैनल से बातचीत के दौरान सरमा ने कहा कि 'दो साल पहले मैंने राहुल गांधी को कहा था, कि अगर आप इसी रास्ते पर चलते रहे तो कांग्रेस को असम में 25 से ज्यादा सीटें नहीं मिलेंगी. लेकिन उस समय राहुल ने कहा हम जीतेंगे.'