पश्चिम बंगाल से शुरू हुई चुनावी तैयारियों की कवायद अब जल्द ही अन्य चार चुनाव वाले राज्यों में शुरू हो रही है. अगले साल मई-जून में पश्चिम बंगाल के साथ-साथ तमिलनाडु, केरल, पुडुचेरी और असम में विधानसभा चुनाव होने हैं. इन विधानसभाओं का कार्यकाल अप्रैल अंत से लेकर जून के शुरुआती हफ्ते में पूरा हो रहा है. लिहाज़ा अप्रैल से मई के बीच चुनाव करा कर नई विधान सभा का गठन जरूरी है.
चुनाव आयोग के सूत्रों के मुताबिक पश्चिम बंगाल, केरल, तमिलनाडु, असम और पुडुचेरी में विधानसभा चुनाव तय समय पर होंगे.चुनाव आयोग उन राज्यों की तैयारियों का आकलन भी करेगा, जो अगले साल होने वाले चुनावों में शामिल हैं.
अगले हफ्ते तमिलनाडु दौरा
निर्वाचन आयोग के महासचिव उमेश सिन्हा और उप चुनाव आयुक्त आशीष कुंद्रा अगले हफ्ते तमिलनाडु का दौरा करेंगे. जबकि निर्वाचन आयोग के उप आयुक्त डॉ सुदीप जैन पश्चिम बंगाल के दो दिवसीय दौरे पर हैं. चुनावी तैयारियों, सुरक्षा उपायों, कोविड सुरक्षा के साथ ही प्राकृतिक आपदाओं से प्रभावित मतदाताओं के लिए किए जाने वाले उपायों पर आयोग की टीम ग्राउंड रिपोर्ट तैयार करेगी.
अपने दौरों के दौरान आयोग की टीम राज्य सरकार के आला अधिकारियों जैसे मुख्य सचिव, गृह सचिव, पुलिस महानिदेशक, मुख्य निर्वाचन अधिकारी और अन्य संबंधित प्रशासनिक अधिकारियों से मुलाकात कर स्थिति का जायज़ा और उनकी ज़रूरतों का ब्योरा लेते हैं.
जिला अधिकारियों और पुलिस अधीक्षकों से मीटिंग कर आयोग उनसे स्थिति की नियमित रिपोर्ट भी तलब करता रहता है. ताकि चुनाव तक कानून व्यवस्था और अन्य स्थितियों पर सीधी निगाह और नियंत्रण बरकरार रहे. पश्चिम बंगाल के दौरे के दौरान उप आयुक्त सुदीप जैन ने तो अधिकारियों से कहा कि ज़रूरत पड़ी तो राज्य के हर एक मतदान केंद्र को संवेदनशील घोषित कर तदनुसार सुरक्षा के उपाय किए जा सकते हैं. प्रशासन को स्थिति पर कड़ी निगाह और नियंत्रण रखना है ताकि असामाजिक तत्व चुनावी माहौल में गड़बड़ ना कर सकें.
बताया जा रहा है कि अधिकारी सभी हितधारकों के साथ परामर्श बैठक करेंगे, जिसमें सभी राज्य स्तरीय चुनाव आयोग के अधिकारियों के साथ बैठकें शामिल होंगी, जो तैयारियों के बारे में पोल पैनल को जानकारी देंगे.