चुनाव आयोग (Election Commission) ने पांच राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनावों की तारीखों का ऐलान कर दिया है. कोरोना महामारी के मद्देनजर चुनाव आयोग ने कुछ सख्त हिदायतें भी दी हैं. EC ने 15 जनवरी तक प्रचार पर पाबंदी लगा दी है. कोरोना के हालात की समीक्षा के बाद अब चुनाव प्रचार को लेकर कोई निर्णय होगा.
शनिवार को चुनावों की तारीखों का ऐलान करते हुए मुख्य चुनाव आयुक्त सुशील चंद्रा ने कहा कि 15 जनवरी तक पदयात्रा, बाइक-साइकिल रैली, रोड शो पर पाबंदी रहेगी. राजनीतिक पार्टियां डिजिटल और वर्चुअल तरीके से चुनाव प्रचार करें. घर-घर पांच लोगों को प्रचार की अनुमति दी गई है. इसके अलावा जीत के बाद विजय जूलुस पर भी रोक रहेगी.
सभी एजेंसियों को दी गई हिदायत
सभी एजेंसियों को हिदायत दी गई है कि शराब, ड्रग, पैसे बांटने वालों पर सख्ती से नजर रखने और कार्रवाई की जाए. पैसे के दुरुपयोग पर आयोग की कड़ी नजर रहेगी. इसके अलावा अपराधिक पृष्ठ भूमि के उम्मीदवारों के लिए अखबार, टीवी, वेबसाइट के होम पेज पर तीन बार अलग अलग चरणों पर जानकारी सार्वजनिक करनी होगी, ताकि जनता को पता चले कि उनके उम्मीदवार कैसे हैं?
सैनेटाइजर, थर्मल स्कैनर का पोलिंग बूथ पर प्रयोग होगा
चुनाव आयोग ने बताया कि मतदान केंद्रों की संख्या 2,15,368 है. 2017 के विधानसभा चुनावों से मतदान केंद्रों की संख्या 16% बढ़ाई गई है. कोविड को देखते हुए सैनेटाइजर, थर्मल स्कैनर का पोलिंग बूथ पर प्रयोग होगा. सभी वोटिंग हॉल ग्राउंड फ्लोर पर होंगे. वहीं, कोविड प्रभावित या कोविड संदिग्ध के घर वीडियो टीम के साथ आयोग की टीम विशेष वैन से जाएगी और वोट डलवा कर आएगी. इन्हें बैलेट पेपर से वोट डालने का अधिकार मिलेगा.
80 वर्ष से अधिक वालों के लिए पोस्टल बैलेट
गोवा, पंजाब, मणिपुर, उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनाव पर मुख्य चुनाव आयुक्त सुशील चंद्रा ने बताया कि सर्विस मतदाता को मिलाकर 18.34 करोड़ मतदाता इस चुनाव में हिस्सा लेंगे जिनमें से 8.55 करोड़ महिला मतदाता हैं. 80 वर्ष से अधिक वालों के लिए पोस्टल बैलेट का उपयोग किया जाएगा.
बता दें कि उत्तर प्रदेश में 7 चरणों में वोटिंग होगी, जबकि मणिपुर में दो चरण में वोट डाले जाएंगे. इसके अलावा पंजाब, उत्तराखंड और गोवा में एक चरण में 14 फरवरी को होगा चुनाव. वहीं 10 मार्च को इन पांचों राज्यों के चुनावी नतीजे आएंगे.