चुनावी राज्यों में रैलियों और पब्लिक शो पर रोक 22 जनवरी तक बढ़ गई है. चुनाव आयोग इसे एक सप्ताह आगे बढ़ा दिया है. शनिवार को आयोग ने स्वास्थ्य मंत्रालय के अधिकारियों और पांचों राज्यों के प्रमुख सचिव से मीटिंग की. आज तीन अलग-अलग बैठकें अलग-अलग समय पर हुईं.
बैठक में स्वास्थ्य सचिव और पांचों राज्यों के प्रमुख सचिव स्वास्थ्य ने बताया कि संक्रमण की रफ्तार अभी थमी नहीं है. हालांकि कोविड के नए वेरिएंट ऑमिक्रोन के संक्रमण की तीव्रता डेल्टा जैसी नहीं घातक नहीं है. लेकिन अभी पाबंदियों में छूट दिया जाना उचित नहीं है.
बैठक में विशेषज्ञों और अधिकारियों ने राजनीतिक दलों के नेताओं और कार्यकर्ताओं के साथ आम जनता में कोविड प्रोटोकॉल के प्रति उदासीनता और उपेक्षा पर चिंता जताते हुए सख्ती से उनका पालन कराने पर जोर दिया. मीटिंग में रैली जुलूस पाबंदी को फिलहाल कम से कम अगले हफ्ते तक आगे बढ़ाने पर सहमति बनी है. आयोग ने पहले ही साफ कर दिया था कि वो चुनावी कार्यक्रम के सिलसिले में स्वास्थ्य मंत्रालय और स्वास्थ्य विशेषज्ञों की सलाह पर ही चलेगा.
आयोग ने कहा कि कुछ राजनीतिक पार्टियां कोरोना प्रोटोकॉल का पालन नहीं कर रही हैं. यह चिंता का विषय है. सूत्रों के मुताबिक आयोग ने स्वास्थ्य मंत्रालय की सलाह पर सहमति व्यक्त की है. मंत्रालय ने कोरोना प्रोटोकॉल का पालन न किए जाने पर सख्त कार्रवाई करने की सलाह दी है.
पांचों राज्यों के प्रमुख सचिव स्वास्थ्य और मुख्य सचिव सहित स्वास्थ्य विशेषज्ञों के साथ हुई बैठक में राज्यवार स्थिति की समीक्षा की गई.