
लोकसभा चुनाव 2024 को देखते हुए यूपी के मेरठ में सपा दो प्रत्याशी बदल चुकी है और तीसरी बार प्रत्याशी बदलने की चर्चा तेज हो गई. जानकारी के मुताबिक बुधवार रात अखिलेश यादव ने मेरठ के दलित चहेरे योगेश वर्मा को बुलाकर उनकी पत्नी (सुनीता वर्मा) को टिकट दे दिया है और आज (गुरुवार) दोपहर मेरठ आकर नामांकन करने को कहा है. वहीं, अतुल प्रधान जिन्हें सपा ने टिकट दिया था उन्हें टिकट कटने की सूचना देने, समझाने और योगेश वर्मा की मदद के लिए बुलाया गया है.
बताया जा रहा है कभी सियासत में साथ रहे अतुल प्रधान और योगेश वर्मा अब एक दूसरे के सियासी दुश्मन हैं और दोनों ने टिकट न मिलने की सूरत में पार्टी छोड़ने की धमकी दे डाली है.
बता दें कि मेरठ से सबसे पहले अखिलेश यादव ने सुप्रीम कोर्ट के वकील और EVM एक्टिविस्ट भानु प्रताप सिंह को टिकट दिया था. एक बाहरी उम्मीदवार को यहां से इसलिए टिकट दिया गया था क्योंकि अतुल प्रधान और योगेश वर्मा एक दूसरे के नाम पर मान नहीं रहे थे. जब भानु प्रताप सिंह का नाम आया तो उन्हें बाहरी उम्मीदवार बताकर मेरठ की सपा की इकाई में जबरदस्त विरोध हुआ. इस विरोध को देखते हुए अखिलेश यादव ने अतुल प्रधान को टिकट दे दिया, जो अभी सरधना सीट से विधायक हैं और गुर्जर बिरादरी से आते हैं.
वहीं, योगेश वर्मा जो कि दलित हैं और वह लगातार मेरठ से समाजवादी पार्टी से टिकट मांग रहे थे. सपा को यह लगने लगा कि योगेश वर्मा को अगर टिकट नहीं दिया गया तो असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी AIMIM उन्हें टिकट दे देगी.
मेरठ का टिकट बना अखिलेश का सिरदर्द
सूत्रों की माने तो मेरठ में अतुल प्रधान और योगेश वर्मा के बीच जबरदस्त लड़ाई छिड़ी हुई है और अगर किसी एक को टिकट मिलता है तो दूसरा हराने में कोई कसर नहीं छोड़ेगा.
अतुल प्रधान को टिकट मिलते ही समाजवादी पार्टी के भीतर का एक खेमा बेहद सक्रिय हो गया और यह बात अखिलेश यादव को बताई गई कि आखिर मेरठ का हर टिकट अतुल प्रधान या उनके परिवार को ही क्यों मिलेगा? विधायक भी अतुल प्रधान, मेयर का टिकट भी अतुल प्रधान की पत्नी को और सांसद का टिकट भी अतुल प्रधान को ही क्यों मिले? इससे पार्टी के दूसरे नेताओं में घोर निराशा है और इसका असर मेरठ और उसके आसपास की सीटों पर पड़ सकता है. जिसके बाद अखिलेश यादव ने योगेश वर्मा को लखनऊ बुलाया साथ ही अतुल प्रधान को भी लखनऊ बुलाया गया.
देर रात को योगेश वर्मा की तरफ से बताया गया कि उन्हें टिकट दे दिया गया है और गुरुवार को दोपहर तक नामांकन दाखिल करने का आदेश दिया गया है. ऐसे में वह अपना नामांकन दाखिल करेंगे, वहीं पार्टी ने अतुल प्रधान को इसलिए बुलाया ताकि उन्हें बताया जा सके कि अब उनका भी टिकट काटा जा रहा है और वह योगेश वर्मा की मदद करें.
लेकिन सूत्रों के मुताबिक, अतुल प्रधान ने पार्टी नेतृत्व को यह चेतावनी दे दी है कि अगर उनका टिकट काटा गया तो वह पार्टी से इस्तीफा दे देंगे. क्योंकि उन्होंने अपना नामांकन भी दाखिल कर दिया है और उन्हें सिंबल भी मिल चुका है.
सबकी नजरें मेरठ सीट पर
इस तरह रामपुर की तरह एक बार फिर सबकी नजरें अब मेरठ पर टिक गई हैं की क्या आखिरी वक्त में एक बार फिर मेरठ में भी खेला होगा और अतुल प्रधान का टिकट काटकर योगेश वर्मा पत्नी सुनीता वर्मा को दिया जाएगा.
हालांकि, नज़रे AIMIM पर भी हैं क्योंकि उसने अभी तक किसी को टिकट नहीं दिया है और वह आखिरी वक्त में अपना प्रत्याशी उतार सकती है.
गौरतलब है कि अभी तक अखिलेश यादव अपने 8 टिकट बदल चुके हैं और ये उनकी कमजोरी मानी जा रही है कि पार्टी पर उनका कोई जोर ही नहीं है. बार-बार टिकट काटने और बदलने से पार्टी काडर का मनोबल भी टूटता है लेकिन अखिलेश यादव कह चुके हैं कि जहां जैसी जरूरत लगेगी वो टिकट बदल देंगे.
अतुल ने दिखाए तेवर
इन सबके बीच समाजवादी पार्टी द्वारा मेरठ सीट से फिर से उम्मीदवार बदलने की खबर पर विधायक अतुल प्रधान ने गहरी नाराजगी जताई है. टिकट काटे जाने की अटकलों पर अतुल प्रधान ने कहा है कि अगर उनका टिकट काटा जाता है तो विधायक पद से इस्तीफा दे देंगे.
सूत्रों के मुताबिक, अतुल प्रधान को समाजवादी पार्टी ने ऑफिस में बुलाया, जहां अखिलेश यादव ने मेरठ से चुनाव न लड़ने की बात कही. इस पर अतुल प्रधान ने इस्तीफे की पेशकश करते हुए कहा कि अगर टिकट कटा तो विधायक पद से इस्तीफा दूंगा. प्रधान ने एक्स पर पोस्ट करते हुए कहा, 'जो राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री अखिलेश यादव जी का निर्णय है, वो स्वीकार है! जल्द ही साथियों से बैठकर बात करेंगे.'
आपको बता दें कि मेरठ लोकसभा सीट पर बीजेपी ने रामायण सीरियल में 'राम' की भूमिका निभा कर विख्यात हुए अभिनेता अरुण गोविल को अपना प्रत्याशी बनाया है. मेरठ में दूसरे चरण में 26 अप्रैल को मतदान होगा.