भाजपा नेता अमित शाह से प्रतिबंध हटाने पर चुनाव आयोग पर निशाना साधते हुए उत्तर प्रदेश के मंत्री आजम खान ने कहा कि वह राज्य में प्रचार करने से उन्हें रोकने के आयोग के आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट जाएंगे.
सपा नेता ने एक संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘क्या आयोग क्या सुप्रीम कोर्ट ऊपर हो सकता है. चुनाव आयोग को गलतफहमी है कि उसके मनमाने अधिकारों को किसी अदालत में चुनौती नहीं दी जा सकती.’ चुनाव आयोग ने कथित तौर पर भड़काउ भाषण देने के मामले में 11 अप्रैल को शाह के साथ आजम खान को प्रदेश में प्रचार करने से प्रतिबंधित कर दिया था. हालांकि चुनाव आयोग ने शाह को उत्तर प्रदेश में प्रचार करने की अनुमति दे दी. शाह ने चुनाव आयोग को आश्वासन दिया था कि वह सार्वजनिक शांति और कानून व्यवस्था में अड़चन नहीं डालेंगे.
आजम से जब पूछा गया कि उन्हें इस तरह की राहत क्यों नहीं दी गयी तो उन्होंने संवाददाताओं से कहा, ‘एक अपराधी, एक हमलावर और मानवता के हत्यारे को प्रचार करने की आजादी दे दी जाती है जिसके गुजरात में प्रवेश पर भी सुप्रीम कोर्ट ने रोक लगाई थी. वहीं उस आदमी की आवाज को दबाया गया है जिसकी पूरी कौम पीड़ित है और जिसका बेदाग चरित्र रहा है.’
चुनाव आयोग पर कांग्रेस के इशारे पर काम करने और संविधान के अनुरूप उच्च आदर्शों तथा निष्पक्ष कामकाज की अनदेखी करने का आरोप लगाते हुए आजम ने कहा, ‘मैं शीर्ष अदालत में गुहार लगाउंगा और मुझे भरोसा है कि इंसाफ मिलेगा.’
उन्होंने कहा, ‘आयोग की कार्रवाई से अघोषित आपातकाल की बू आती है. मुझे नहीं पता कि चुनाव आयोग मुझसे क्या चाहता है. उसने मेरे जवाब पर विचार किये बिना मुझे दंडित किया. उन्होंने मेरे मामले में बड़ी कानूनी त्रुटि की है.’ इस बीच आजम खान के समर्थकों ने काली पट्टी पहनकर रामपुर स्थित जामा मस्जिद के सामने चुनाव आयोग के खिलाफ नारेबाजी की.