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बकरी और गाय के मीट में वही फर्क, जो बहन और पत्नी मेंः गिरिराज

बिहार के नेताओं की टिप्पणियों से लगता है कि वहां फिलहाल बीफ के अलावा दूसरा कोई मुद्दा है ही नहीं. राजनीति में विज्ञान का क्रिया की प्रतिक्रिया सिद्धांत कुछ ज्यादा ही तेजी से फलता दिख रहा है.

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बिहार के नेताओं की टिप्पणियों से लगता है कि वहां फिलहाल बीफ के अलावा दूसरा कोई मुद्दा है ही नहीं. राजनीति में विज्ञान का क्रिया की प्रतिक्रिया सिद्धांत कुछ ज्यादा ही तेजी से फलता दिख रहा है.

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गिरिराज सिंह ने आरजेडी प्रमुख लालू प्रसाद के सात दिन पहले दिए बयान पर अब दोबारा टिप्पणी की है. गिरिराज ने बिहार के नवादा में लालू प्रसाद को गाय और बकरी के मांस का फर्क समझाया है.

गिरिराज ने बताया यह फर्क
गिरिराज ने कहा कि बकरी और गाय के मीट में हमारी भावना और धर्म उसी तरह से है, जैसे हमारी बहन और हमारी पत्नी दोनों पूजनीय हैं. लेकिन दोनों के भावनात्मक संबंध अलग-अलग हैं. लालू प्रसाद क्या मजाक कर रहे हैं...कह रहे हैं कि जो बकरी का मीट खाता है वो गाय का मीट खाएगा.

यह कहा था लालू ने
लालू ने कहा था कि मांस खाने वाले को इससे क्या फर्क पड़ता है कि वह गाय का मांस खा रहा है या बकरे का? हिंदू भी बीफ खाते हैं. इसके बाद भी गिरिराज ने उनसे यह बयान वापस लेने की मांग की थी. हालांकि तब लालू ने यह भी कहा था कि इंसान को मांस ही नहीं खाना चाहिए. इससे बीमारियां हो जाती हैं.

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एक हफ्ते से आमने-सामने
गिरिराज सिंह और लालू प्रसाद बीफ विवाद को लेकर पिछले एक हफ्ते से ही आमने-सामने हैं. तीन दिन पहले ही 7 अक्टूबर को ही गिरिराज ने फिर लालू पर निशाना साधा था. कहा था कि लालू को अपने खिलाफ माहौल बनते दिख रहा है. इसलिए वह लोगों का ध्यान भटकाने की कोशिश कर रहे हैं. लेकिन लालू बीफ खाने के लिए किसी पर दबाव नहीं डाल सकते.

लालू ने गाली तक दे डाली थी
लालू ने तो बीफ विवाद में मीडिया को गाली तक दे डाली थी. इसके बाद कहा था कि कोई शैतान है जो उनके मुंह में यह बात डाल रहा है. मैंने गाय के खिलाफ कुछ नहीं कहा. कुछ कहा है तो सबूत लाओ.

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