महाराष्ट्र में शानदार प्रदर्शन करने के बाद भी बहुमत से दूर हो गई बीजेपी को एनसीपी के तौर पर नया सहयोगी मिला है. धुर विरोधी दल का अचानक समर्थन में आ जाना सबको हैरान कर रहा है. वह भी तब, जब चुनाव से पहले प्रधानमंत्री मोदी एनसीपी को 'नैचुरली करप्ट पार्टी' बता चुके हैं. अंग्रेजी अखबार 'द इंडियन एक्सप्रेस' में छपी एक खबर के मुताबिक, इसके पीछे एनसीपी नेता अजित पवार और सुनील तटकरे की जांच वाली फाइल हो सकती है. अखबार के मुताबिक एनसीपी नेता अजित पवार और सुनील तटकरे के खिलाफ जांच की एक फाइल पिछले 40 दिनों से महाराष्ट्र में अधिकारियों की टेबल पर धूल फांक रही है. कहीं समर्थन के पीछे इस फाइल की भूमिका तो नहीं?
राज्य सरकार के अधिकारियों के मुताबिक राज्य के भ्रष्टाचार निरोधी एजेंसी के महानिदेशक प्रवीण दीक्षित ने 22 अगस्त को राज्य के गृह मंत्रालय में इन दोनों नेताओं के खिलाफ खुली जांच की अनुमति मांगी थी. गौरतलब है कि समाजसेवी प्रवीण वाटेगांवनकर ने आरोप लगाया था कि महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजित पवार और एनसीपी के महाराष्ट्र अध्यक्ष सुनील टटकरे ने राज्य की कई सिंचाई परियोजनाएं एक खास कंपनी को नियमों की अनदेखी करते हुए दे दी. राज्य में हुए चुनावों में एनसीपी 42 सीटें ही जीत पाई. इसके बाद आश्चर्यजनक घटनाक्रम के तहत एनसीपी ने अपने धुर विरोधी बीजेपी को बिना शर्त समर्थन देने की घोषणा कर दी.
गौरतलब है कि महाराष्ट्र में एनसीपी ने 26 सितंबर को कांग्रेस के साथ गठबंधन से अलग होने की घोषणा कर दी. इसके बाद राज्य में राष्ट्रपति शासन लग गया था. ऐसे में जांच के लिए राज्यपाल से अनुमति लेना जरूरी हो गया था. राज्यपाल विद्यासागर राव के सलाहकार अनिल बजाज के मुताबिक उनके पास ऐसी कोई फाइल नहीं आई है. सूत्रों के अनुसार एनसीपी ने बीजेपी नेताओं से मिलकर समर्थन देने की बात कही थी.
अंग्रजी अखबार 'द इंडियन एक्सप्रेस' में छपी खबर के अनुसार कहा तो ये भी जा रहा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी , शरद पवार को केंद्रीय मंत्रिमंडल में शामिल करना चाहते हैं. कहा जा रहा है कि उनके लिए खाली पड़ा रक्षा मंत्रालय तय किया गया है. दूसरी तरफ कांग्रेस ने आरोप लगाया है कि एनसीपी ने बीजेपी के साथ गुपचुप समझौता कर लिया है.