हरियाणा में सत्तारूढ़ कांग्रेस पार्टी के विकास के दावे को लेकर विपक्ष में भले ही विवाद हो, लेकिन राज्य में सभी पार्टियों के शीर्ष नेताओं की संपत्ति में पिछले पांच साल में जबरदस्त इजाफा हुआ है.
असोसिएशन ऑफ डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (एडीआर) के एक अध्ययन के मुताबिक, 2009 के विधानसभा चुनाव में सिर्फ 32 फीसदी उम्मीदवार ही करोड़पति थे जबकि इस बार 52 फीसदी उम्मीदवार करोड़पति हैं. एडीआर के जगदीप चोखर ने बताया, '2009 के विधानसभा चुनाव में 380 उम्मीदवार करोड़पति थे, यह संख्या इस बार 563 है.' पार्टी के आधार पर यह आंकड़ा देखें, तो कांग्रेस, भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) और इंडियन नेशनल लोक दल (आईएनएलडी) के पास सबसे ज्यादा करोड़पति उम्मीदवार हैं. इनमें से प्रत्येक के पास घोषित राशि कम से कम एक करोड़ रुपये से ऊपर है.
90 सदस्यीय विधानसभा के लिए हो रहे चुनाव में कांग्रेस के 90 फीसदी उम्मीदवार करोड़पति हैं. बीजेपी के 86 फीसदी और आईएनएलडी के 82 फीसदी उम्मीदवार करोड़पति हैं. दोबारा चुनाव लड़ रहे 67 विधायकों की संपत्ति में औसतन 156 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है. 2009 के चुनाव में इन नेताओं के पास 7.30 करोड़ रुपये थे, जो अब 18.71 करोड़ रुपये हो गए हैं. पिछले पांच सालों में इनकी संपत्ति 11.41 करोड़ रुपये बढ़ गई है. इन उम्मीदवारों में महेंद्रगढ़ जिले के रवि चौहान और अनीता चौहान के पास 212-212 करोड़ रुपये की संपत्ति है.
इसके बाद जन चेतना पार्टी (जेसीपी) की उम्मीदवार शक्ति रानी (पूर्व केंद्रीय मंत्री विनोद शर्मा की पत्नी) के पास 166 करोड़ रुपये, विनोद शर्मा के पास 153 करोड़ रुपये, पूर्व मंत्री गोपाल कांडा के पास 114 करोड़ रुपये और देश की सबसे अमीर महिला सावित्री जिंदल के पास 113 करोड़ रुपये की संपत्ति है. एडीआर के मुताबिक, उम्मीदवारों की औसत संपत्ति 2009 के 2.05 करोड़ रुपये की तुलना में 4.54 करोड़ रुपये है.