स्थानीय निकाय कोटे के विधान परिषद की 24 सीटों के लिए मंगलवार को शांतिपूर्ण ढंग से मतदान संपन्न हुआ. इस दौरान कहीं से किसी बड़ी अप्रिय घटना की सूचना नहीं है. इस चुनाव में करीब 94 फीसदी मतदाताओं ने अपने मताधिकार का उपयोग किया.
इस दौरान राज्य के दो मंत्रियों के खिलाफ आदर्श चुनाव आचार संहिता उल्लंघन का मामला दर्ज किया गया है. बिहार निर्वाचन आयोग के अपर मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी आर लक्ष्मणन ने बताया कि इस चुनाव में 94 फीसदी मतदाताओं ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया. गया और सारण क्षेत्र में सबसे ज्यादा करीब 98 फीसदी, जबकि सहरसा क्षेत्र में सबसे कम 86 फीसदी मतदाताओं ने अपने-अपने मताधिकार का प्रयोग किया.
लालबत्ती में पहुंचे थे मतदान केंद्र
उन्होंने कहा कि एक-दो छोटी घटनाओं को छोड़कर कहीं से किसी बड़ी अप्रिय घटना की सूचना नहीं है. लक्ष्मणन ने बताया कि शिक्षा मंत्री पीके शाही और पथ निर्माण मंत्री ललन सिंह के खिलाफ पटना के गांधी मैदान थाना में आदर्श चुनाव आचार संहिता उल्लंघन का मामला दर्ज किया गया है. इन दोनों मंत्रियों पर सरकारी और लालबत्ती लगे वाहन से मतदान केंद्र तक पहुंचने का आरोप है.
उन्होंने बताया कि एक लाख 38 हजार 904 मतदाताओं के लिए राज्यभर में 534 मतदान केंद्र बनाए गए थे. इस चुनाव में 152 उम्मीदवार चुनावी मैदान में अपनी किस्मत आजमा रहे हैं. मतगणना 10 जुलाई को होगी. गोपालगंज में सबसे कम दो प्रत्याशी चुनाव मैदान में हैं, जबकि सहरसा में सबसे अधिक 14 उम्मीदवार अपनी किस्मत आजमा रहे हैं. उन्होंने बताया कि सभी मतदान केंद्रों पर वीडियोग्राफी कराई गई और माइक्रो प्रेक्षकों की प्रतिनियुक्ति की गई थी.
फर्जी मतदान के कई मामले
दूसरी ओर, चुनाव के दौरान फर्जी मतदान के कई मामले सामने आए हैं. हाजीपुर में मतदान केंद्र पर कई जनप्रतिनिधि जब वोट डालने पहुंचे तो उन्हें पता चला की उनका वोट पहले ही डाला जा चुका है. विधान परिषद चुनाव में फर्जी मतदान के मामले इस लिए भी गंभीर हैं कि इस चुनाव के सभी मतदाता जनप्रतिनिधि होते हैं और चुनावी जीत के बाद इस चुनाव में वोट डालने के अधिकारी बनते हैं. हाजीपुर प्रखंड कार्यालय स्थित मतदान केंद्र पर कई जनप्रतिनिधि अधिकारियों से इस मसले पर उलझते दिखे. हालांकि, चुनाव करवा रहे अधिकारियों ने फर्जी वोट के मामलों का बचाव करते हुए कहा की मामले की जांच करवा कर वोटरों को टेंडर वोट के द्वारा वोट करवाया जाएगा.