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चुनाव से पहले वास्तुशास्‍त्र की शरण में गए लालू

बिहार की राजनीति के शिखर पर कभी रहने वाले राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के अध्यक्ष लालू प्रसाद ने अपने परिवार की खुशहाली और अगले चुनाव में अनुकूल परिणाम पाने के लिए वास्तुशास्‍त्र की शरण ली है. अटकलें लगाई जा रही हैं कि इसी के तहत पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी के पटना स्थित सरकारी आवास पर वर्षों पूर्व निर्मित तालाब में मिट्टी डालकर उसे भरवाया जा रहा है.

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लालू यादव
लालू यादव

बिहार की राजनीति के शिखर पर कभी रहने वाले राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के अध्यक्ष लालू प्रसाद ने अपने परिवार की खुशहाली और अगले चुनाव में अनुकूल परिणाम पाने के लिए वास्तुशास्‍त्र की शरण ली है. अटकलें लगाई जा रही हैं कि इसी के तहत पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी के पटना स्थित सरकारी आवास पर वर्षों पूर्व निर्मित तालाब में मिट्टी डालकर उसे भरवाया जा रहा है.

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बिहार में 15 वर्षों तक राज करने वाले लालू के भाग्य के सितारे इन दिनों गर्दिश में देखे जा रहे हैं. कुछ दिनों पूर्व चारा घोटाले मामले में लालू को जेल जाना पड़ा था. जमानत मिलने के बाद वे बाहर तो आ गए परंतु अपनी पार्टी को संभाल नहीं पाए. बिहार में राजद के 13 विधायक पार्टी से अलग हो गए, हालांकि बाद में नौ विधायक वापस फिर पार्टी में लौट आए.

इधर, लोकसभा चुनाव के ठीक पहले उनके पूर्व भरोसेमंद और करीबी साथी पार्टी छोड़कर जा चुके हैं. वैसे तालाब के भरे जाने के मसले पर लालू प्रसाद का परिवार खुलकर नहीं बोल रहा है. लालू प्रसाद की पुत्री और पाटलिपुत्र क्षेत्र से उम्मीदवार मीसा भारती कहती हैं कि उनको वास्तुशास्त्र पर विश्वास नहीं है, लेकिन लालू के पुत्र तेजस्वी यादव इस बात को स्वीकार करते हैं कि वास्तुशास्त्र के कारण इस तालाब को भरवाया जा रहा है.

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उन्होंने कहा कि जल्द ही एक नया तालाब दूसरी तरफ बनवाया जाएगा. पटना के 10 सर्कुलर रोड स्थित 'राबड़ी आवास' में राबड़ी देवी के छठ करने के लिए वर्ष 2006 में एक तालाब का निर्माण करवाया गया था जहां छठ पर्व पर लालू का पूरा परिवार एकत्र होता था और राबड़ी सूर्य भगवान को अर्ध्‍य देती थीं. इधर, राजद की एक नेता की मानें तो एक वास्तुशास्त्री के अनुसार तालाब के गलत दिशा में होने के कारण नकारात्मक ऊर्जा का संचार हो रहा था, जिससे परिवार में बाधाएं आ रही थी.

वास्तुशास्त्री के कहे जाने के बाद तालाब को भरवाने का आदेश दिया गया. बहरहाल, यह देखना रोचक होगा कि तालाब के भर दिए जाने के बाद अगले लोकसभा चुनाव में राजद को कितना फायदा मिलता है या फिर यह एक अंधविश्वास ही साबित होता है.

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