बिहार चुनाव में इस बार केवल बाहुबली ही नहीं, बल्कि धनबलियों की पत्नी भी चर्चा में हैं. कई नेता ऐसे हैं, जो सांसद, विधायक और मंत्री रहे, लेकिन उनकी पत्नी उनसे कहीं ज्यादा धनवान हो गईं.
धनबलियों की पत्नी में ज्यादातर वो हैं, जिनके पति लंबे समय तक मंत्री-विधायक रहे. चुनाव आयोग को दिए हलफनामे में यह खुलासा हुआ है कि भले ही तनख्वाह और सुविधाएं विधायकों को मिलती हों, लेकिन इन बरसों में धनबली अगर कोई बना, तो वो हैं उनकी पत्नी.
नेता लखपति, पत्नी करोड़पति
शकुनी चौधरी बिहार में जीतनराम मांझी की पार्टी HAM के प्रदेश अध्यक्ष हैं. वे तारापुर से कई बार विधायक रह चुके हैं, लेकिन जब उन्होंने अपना हलफनामा दिया, तो पहली बार लोगों को मालूम पड़ा कि शकुनी चौधरी तो लखपति ही रह गए, लेकिन उनकी पत्नी करोड़पति हो चुकी हैं. शकुनी चौधरी की पत्नी पार्वती देवी के पास 1.57 करोड़ की संपत्ति है, तो शकुनी चौधरी के पास महज 6 लाख की संपत्ति.
इस पर शुकनी चौधरी कहते हैं, 'देखिए, लोग हमारी पत्नी को करोड़पति कह रहे हैं, लेकिन उस पर कर्ज भी तो देखिए. आप लोग सिर्फ उसकी कमाई देख रहे हैं, लेकिन उसका कर्ज नहीं देख रहे...'
संपत्ति की रेस में नेता से आगे धर्मपत्नी
कुछ यही हाल नीतीश कुमार के करीबी और उनके मंत्री विजय चौधरी का भी है. मंत्रीजी से धनवान उनकी पत्नी हैं. मंत्री विजय चौधरी को पत्नी की आमदनी पर सवाल पसंद नहीं आया, सो सवाल सुनते ही अनमने हो गए. विजय चौधरी सिर्फ यही कहते रहे कि जो हलफनामे में दिया है, वह सही है. यानी मंत्रीजी से ज्यादा धनबली उनकी पत्नी हैं. बता दें कि हलफनामे के मुताबिक, विजय चौधरी के पास 25 लाख की संपत्ति है, तो उनकी पत्नी के पास 28.8 लाख की संपत्ति है.
आगे-आगे देखिए...
ये हलफनामे तो सिर्फ पहले चरण के चुनावों के हैं. अभी पांच चरण के नामांकन के बाद पूरे उम्मीदवारों की लिस्ट में कई चौंकाने वाले खुलासे हो सकते हैं. वैसे सूत्रों के मुताबिक, बिहार के चार सांसदों और करीब दर्जनभर विधायकों को आय से अधिक संपत्ति के लिए आयकर विभाग का नोटिस मिला है.