ऐसा लगता है कि कांग्रेस ने बिहार विधानसभा चुनाव में राज्य सरकार के विरोध को ही अपना मुद्दा बनाया हुआ है. अपनी चुनावी सभाओं में कांग्रेस के नेता राज्य सरकार को निशाना बना रहे हैं और कह रहे हैं कि केंद्र ने राज्य की पूरी मदद की लेकिन राज्य सरकार ही उस मदद को लोगों तक पहुंचाने में नाकाम रही है.
सोनिया गांधी, राहुल गांधी और मनमोहन सिंह बिहार का चुनावी दौरा कर चुके हैं और सभी ने नीतीश सरकार के विकास के दावों पर सवाल उठाए हैं. सोनिया का कहना है कि किसी क्षेत्र का विकास तभी हो सकता है, जब विकास योजनाओं को लागू करने वाले की नीयत साफ हो.
सोनिया ने विपक्षी दलों को निशाना बनाया है और कहा है कि विपक्षी दल चुनाव का मतलब कुर्सी पाने का रास्ता समझती है परंतु कांग्रेस राजनीति का मतलब विकास समझती है. सोनिया ने इस चुनाव में अल्पसंख्यकों को लुभाने के लिए यह भी कहा कि केन्द्र ने बिहार सरकार को विकास के लिए करोड़ों की धनराशि मुहैया करायी लेकिन उसका सही इस्तेमाल नहीं किया गया. {mospagebreak}
उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार की ओर से करोड़ों-करोड़ रुपए दिये गये लेकिन सवाल है कि इसका इस्तेमाल कहां हुआ. अब तो भ्रष्टचार की बातें भी सामने आ रही हैं. सोनिया ने भाजपा-जद (यु) गठबंधन को अवसरवादी करार दिया है. कांग्रेस ने भ्रष्टाचार को भी इस चुनाव में मुद्दा बनाया है.
अल्पसंख्यक मतदाताओं को लुभाने के लिए सोनिया ने कहा कि केन्द्र सरकार ने किशनगंज में अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय की शाखा खोलने के लिए सारी औपचारिकताएं पूरी कर दीं परंतु राज्य सरकार अब तक जमीन ही उपलब्ध नहीं करवा सकी. उन्होंने कहा कि आज राज्य में भ्रष्टाचार का बोलबाला है, इस कारण सरकार विकास में पीछे हो गई है. कांग्रेस ने जनता से अपील की है कि वो विभाजनकारी ताकतों से सावधान रहें.