कभी लालू प्रसाद यादव के खास रहे और अब उनके विरोधी हो चुके भारतीय जनता पार्टी के नेता रामकृपाल यादव ने लालू को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि हमें उनकी दूसरी पीढ़ी का नेतॄत्व मंजूर नहीं था. हम उनकी दूसरी पीढ़ी को ढो नहीं सकते.
उन्होंने कहा कि नेता के तौर पर बेटा-बेटी नेतृत्व हमें स्वीकार नहीं था. मैंने लालू यादव का पूरी ईमानदारी के साथ 35 साल तक साथ निभाया, पर अब उनका साथ निभाना कठिन हो रहा था. लालू की दूसरी पीढ़ी में नेतृत्व क्षमता नहीं है, जो क्षमता लालू में थी, जनता का जो विश्वास लालू ने जीता, वो सभी को नहीं मिल सकता. रामकृपाल यादव ने कहा कि लालू और राबड़ी नेता थे, उनका सम्मान आज भी है.
उन्होंने कहा कि इस बार के लोकसभा चुनावों में मोदी लहर नहीं बल्कि सुनामी चली है. बिहार में मुख्य मुकाबला बीजेपी का लालू यादव से ही रहा, क्योंकि अब जदयू खत्म हो गई है. बीजेपी नेता ने कहा कि लालू का रवैया कार्यकर्ताओं के खिलाफ था. पार्टी सिर्फ मैंने ही नहीं बल्कि काफी नेताओं ने छोड़ी है. आरजेडी त्याग दी तो उसकी नीतियों से भी अब अलग हो चुका हूं. अब मैं पूरी तरह बीजेपी की विचारधारा से जुड़ चुका हूं.