बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इस्तीफा दे दिया है. लोकसभा चुनाव में अपनी पार्टी जेडीयू के बेहद खराब प्रदर्शन के बाद नीतीश कुमार ने सीएम पद से इस्तीफा दे दिया.
बिहार सरकार के मुख्य सचिव ने नीतीश कुमार के इस्तीफे की खबर की पुष्टि की है. नीतीश ने राज्यपाल डॉ. डी वाई पाटिल को इस्तीफा सौंप दिया है.
खबर यह भी है कि नीतीश कुमार ने राज्यपाल से विधानसभा भंग करने की सिफारिश की है. गौरतलब है कि शुक्रवार को लोकसभा चुनाव के जो नतीजे आए थे, इसमें नीतीश की पार्टी जेडीयू का प्रदर्शन बेहद ही खराब रहा. 2009 में 20 सीट जीतने वाली जेडीयू मात्र 2 सीट ही जीत सकी. बदहाली का अंदाजा इस बात से भी लगाया जा सकता है कि पार्टी अध्यक्ष शरद यादव भी मधेपुरा सीट से चुनाव हार गए. इसके बाद से ही राजनीतिक विरोधी नीतीश कुमार पर निशाना साध रहे थे.
बिहार बीजेपी के वरिष्ठ नेता सुशील कुमार मोदी ने तो यहां तक दावा कर दिया कि उनके संपर्क में जेडीयू के करीब 50 विधायक हैं. वह बीजेपी में शामिल हो सकते हैं. दूसरी तरफ, हाल ही में एनडीए में शामिल होने वाले एलजेपी प्रमुख रामविलास पासवान ने अपनी पार्टी के शानदार प्रदर्शन के बाद शनिवार को ही प्रेस कॉन्फ्रेंस करके अपने समर्थकों को चेताया था कि बिहार में सरकार कभी भी गिर सकती है. अक्टूबर तक चुनाव हो सकते हैं. इसलिए एनडीए कार्यकर्ताओं को विधानसभा चुनाव के लिए तैयार रहना चाहिए.
राजनीतिक विरोधियों ने नीतीश कुमार के इस्तीफे को सियासी ढोंग करार दिया है. उन्होंने सवाल उठाया है कि नीतीश ने करारी हार के बाद सहानुभूति पाने के लिए ऐसा किया है. पर उन्हें कोई फायदा नहीं मिलने वाला.
बीजेपी नेता रामेश्वर चौरसिया ने कहा, 'नीतीश कुमार हमेशा दूसरों के सहारे रहे हैं. उनमें अकेले खड़े रहने की हिम्मत नहीं है. पहले लालू के सहारे मंत्री बने. फिर हमारे सहारे बिहार के मुख्यमंत्री बने. आज जब बिहार में नरेंद्र मोदी की लोकप्रियता बढ़ी है तो उन्हें अपनी जमीन खिसकती नजर आ रही है. खुद पीएम बनने का सपना पालने लगे थे अब जमीनी हकीकत का पता चला तो इस्तीफा देकर पिंड छुड़ा लिया.'
नीतीश कुमार के इस्तीफे पर चुटकी लेते हुए बीजेपी नेता गिरिराज सिंह ने ट्वीट किया है.
लगे हाथ बिहार में भी भाजपा की सरकार बना ही लेते है #nitishresigns
— Giriraj Singh (@girirajsinghbjp) May 17, 2014
नीतीश कुमार के इस्तीफे के एक कारण बिहार विधानसभा में जेडीयू का पूर्ण बहुमत नहीं होना है. वर्तमान विधानसभा में जेडीयू के 116 विधायक है. हालांकि तकनीकी रूप से अगर देखें तो पार्टी के पास केवल 112 विधायक ही हैं. बीजेपी से अलग होने के बाद जेडीयू के पास 117 विधायक थे. तब से लेकर नीतीश कुमार ने 5 विधायकों को पार्टी से निकाल दिया है. इस तरह जेडीयू के पास अब केवल 112 विधायक हैं.