एमसीडी चुनाव में जीत के लिए जहां बीजेपी और कांग्रेस दोनों ही पार्टियां जोर लगा रही हैं. वहीं दूसरी तरफ बागी प्रत्याशी न केवल बीजेपी बल्कि कांग्रेस के लिए मुसीबत बने हुए हैं. दोनों ही पार्टियों के सीनियर नेताओं ने बागियों को कई बार मनाने की कोशिश की लेकिन बागी हैं कि बैठने को तैयार नहीं हुऐ. जिसकी वजह से पार्टी प्रत्याशियों की सांसे भी अटकी हुई हैं.
पूर्वी दिल्ली के न्यू अशोक नगर से बीजेपी की पार्षद रही निक्की सिंह जहां बीजेपी के लिए चुनौती बनी हुई है. जहां बीजेपी से ज्यादा वहां लड़ाई निर्दलीय प्रत्याशी निक्की सिंह, बहुजन समाज पार्टी और आम आदमी पार्टी के बीच त्रिकोणीय मुकाबला लग रहा है. वहीं बीजेपी अब सिर्फ मोदी के सहारे है.
वहीं पांडव नगर में भी बीजेपी और कांग्रेस दोनों के बागी प्रत्याशी मैदान में है, जो दोनों ही पार्टियों के लिए मुसीबत बने हुऐं हैं. कांग्रेस की बागी सावित्री शर्मा पांडव नगर इलाके से वर्ष 2002 में कांग्रेस से पार्षद का चुनाव जीती थीं, वह यहां से टिकट मांग रही थीं लेकिन उन्हें टिकट नहीं मिल पाया. कांग्रेस ने यहां से शरणजीत शर्मा को टिकट दिया है जो वर्ष 2007 में यहां से पार्षद चुने गए थे. इस चुनाव में भाजपा के उम्मीदवार बीडी पांडेय को हराने में भाजपा के बागी अजय कुमार जैन ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी. जैन को 1100 वोट मिले थे. जबकि यहां कांग्रेस की जीत का अंतर करीब 400 वोटों का रहा था.
कई वार्डो में टिकटों में बंटवारे को लेकर काफी विरोध हो रहा है बीजेपी कार्यकर्तांओं का आरोप है इस बार टिकट बांटने में धांधली हुई है. जिसको लेकर पार्टी के ही कार्यकर्ता अपने पार्टी के खिलाफ खड़े हो गए है. जौहरीपुर वार्ड से बीजेपी के पार्षद रहे संजय कौशिक के करीबी कन्हैया लाल को टिकट दिया गया है जिसको लेकर कार्यकर्ताओं में रोष है, और इस वजह से भाजपा के बागी योगेंद्र माहौर चुनाव मैदान में हैं. जिसकी वजह से यहां भाजपा के लिए मुकाबला कठिन हो गया है.
इसी तरह पटपड़गंज वार्ड से भाजपा के पार्षद रही संध्या वर्मा बागी के रूप में मैदान में हैं जो भाजपा के लिए मुसीबत बनी हुई हैं. इसके साथ साथ प्रीत विहार, किशनकुंज और शकरपुर वार्ड में भी भाजपा के पुराने नेता बागी के रूप में मैदान में डटे हुए हैं. जिसकी वजह से यहां भाजपा की राह आसान नहीं है. बीजेपी के कार्यकर्ताओं के अलावा बीजेपी के 6 पार्षद भी बागी के रूप में मैदान में है निक्की सिंह और संध्या वर्मा के अलावा कृष्ण गहलोत, प्रवीन राजपूत, पंकज सिंह, चित्रा विद्दार्थी और पवन सेहरावत बागी के रूप में अपनी किस्मत आजमा रहे है जो बीजेपी की राह में रोड़े अटकाएं हुए हैं.