बिहार चुनाव में एनडीए गठबंधन के बीच सीटों के बंटवारे का फैसला अब मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की भागलपुर रैली के बाद होगा. सोमवार को इस बाबत बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने बैठक तो बुलाई, लेकिन तमाम माथापच्ची के बाद सभी दलों को फिलहाल बयानबाजी और जुबान बंद रखने की हिदायत दी गई है.
सूत्रों के मिली जानकारी के मुताबिक, दिल्ली में आयोजित इस बैठक में सीटों के बंटवारे को लेकर कोई खास बातचीत नहीं हुई. मंगलवार को प्रधानमंत्री की रैली के बाद एनडीए के नेता फिर से बैठक करेंगे और समझा जा रहा है कि इसी बैठक में अंतिम फैसला किया जाएगा.
भूमि बिल और हार्दिक रहे चर्चा-ए-खास
दूसरी ओर, मंगलवार की बैठक में अमित शाह ने भूमि बिल पर सहयोगी नेताओं के साथ बातचीत की. शाह ने लैंड बिल पर सरकार का पक्ष रखा. उन्होंने सहयोगियों से कहा इसे समझ लीजिए, इस बारे में सवाल पूछे जाएंगे. शाह ने बताया कि बिल में किसान के हितों को ध्यान में रखते हुए 13 कानूनों को जोड़ा गया है.
गुजरात में पटेल आरक्षण की मांग कर रहे युवा नेता हार्दिक पटेल भी एनडीए अलायंस की बैठक में चर्चा का विषय रहें. हार्दिक के मुद्दे पर नेताओं ने कहा कि हार्दिक राज ठाकरे को अपना रोल मॉडल मानते हैं. बेहतर होगा नीतीश और लालू भी उसका समर्थन कर दें. ऐसा हुआ तो बिहार के लोगों को असलियत समझ आ जाएगी, क्योंकि राज ठाकरे क्या हैं और कौन हैं यह सबको पता है.
दिखेंगे सभी दलों के बैनर
बिहार विधानसभा चुनाव में प्रचार अभियान को लेकर बैठक में खास हिदायतें दी गई हैं. सभी दलों के कहा गया है कि अभियान में सभी दलों के बैनर पोस्टर नजर आने चाहिए. सहयोगी नेताओं को भी प्रचार में प्रमुखता से जगह देने की बात कही गई है.
बैठक के बाद बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने कहा, 'आज लाइन ऑफ एक्शन खींचा गया है, कल प्रधानमंत्री की रैली को सफल बनाना है.' एलजेपी प्रमुख रामविलास पासवान ने महागठबंधन की स्वाभिमान रैली को फ्लॉप बताते हुए कहा, 'कांग्रेस और जेडीयू को आरजेडी में मर्ज कर देना चाहिए. सोनिया गांधी को चौथे नंबर पर बुलाया गया. शरद यादव को बोलने नहीं दिया गया. जैसे रोटी का टुकड़ा साइड में फेंक देते हैं, कुछ ऐसा ही था.'
पासवान ने कहा कि एक हफ्ते के अंदर सीटों का बंटवारा हो जाएगा. एनडीए दो-तिहाई बहुमत से चुनाव में जीत दर्ज करेगी.