राष्ट्रपति बराक ओबामा की सफल भारत यात्रा के ठीक बाद बीजेपी ने अपना पूरा ध्यान दिल्ली विधानसभा चुनाव पर केंद्रित कर दिया है. आम आदमी पार्टी को सत्ता के गलियारे से महरूम रखने के लिए पार्टी ने ताबड़तोड़ रैली और आक्रामक तेवर की नई नीति बनाई है. बीजेपी ने तय किया है इसके तहत वह 'आप' से हर दिन पांच सवाल पूछेगी. गुरुवार को इसके तहत पार्टी ने अरविंद केजरीवाल और उनकी पार्टी को झूठ का सहारा लेने वाली पार्टी बताया और पांच सवाल पूछे.
बीजेपी नेता राजीव प्रताप रूडी ने कहा कि हम मानते हैं कि केजरीवाल ने अपने कैंपेन को झूठे वादों और भ्रामक प्रचार के साथ तैयार किया है. ऐसे में जरूरी है कि दिल्ली के लोगों तक सही और सच बात पहुंचे. बीजेपी ने आम आदमी पार्टी और केजरीवाल से जो पांच सवाल पूछे, उनमें मुख्य तौर पर 'यू-टर्न' सरकार का आरोप है.
बीजेपी ने केजरीवाल से पूछा-
1) केजरीवाल ने दिल्ली में अपने सिद्धांतों के खिलाफ जाकर सरकार क्यों बनाई. उन्होंने सरकार बनाने के लिए कांग्रेस का समर्थन क्यों लिया?
2) वादे के बावजूद केजरीवाल की सरकार ने पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित के खिलाफ कार्रवाई क्यों नहीं की? उनके खिलाफ एफआईआर क्यों नहीं किया गया?
3) केजरीवाल ने अपनी घोषणा के बावजूद सुरक्षा क्यों ली? उन्हें यूपी सरकार ने जेड ग्रेड की सुरक्षा दी थी.
4) चुनाव से पहले केजरीवाल ने कहा कि वह अपनी कार से सफर करेंगे, लेकिन सरकार बनने के बाद उन्होंने SUV की सुविधा क्यों ली?
5) केजरीवाल ने प्राइवेट जेट से और हवाई यात्रा के दौरान बिजनेस क्लास से सफर क्यों किया?
खोदा पहाड़, निकली चुहिया...
बीजेपी के आरोपों पर प्रतिक्रिया देते हुए 'आप' नेता योगेन्द्र यादव ने कहा, 'खोदा पहाड़, निकली चुहिया और वो भी मरी हुई. लेकिन जब ऐसे सवाल पूछे जाते हैं तो यह समझ जाना चाहिए कि बीजेपी घबराई हुई है. आ जाए न मंच पे, जितने सवाल, उतने जवाब. किरण और अरविंद कर लें सवाल-जवाब.'
यादव ने कहा कि जब हमने खुला ऑफर दिया तो बीजेपी डिबेट से भाग गई. यहां तक कि बीजेपी मेनिफेस्टो भी जारी नहीं कर रही है.
गौरतलब है कि चुनाव प्रचार को आक्रामक बनाते हुए बीजेपी दिल्ली में सात दिनों में 250 रैलियां यानी रोजाना औसतन 36 रैलियां करने वाली है. इतना ही नहीं, अरविंद केजरीवाल से रोजाना 5 सवाल भी पूछे जाएंगे. बीजेपी दफ्तर पर अमित शाह की अध्यक्षता वाली पार्टी की बैठक के बाद बीजेपी ने युद्ध स्तर पर दिल्ली चुनाव में उतरने का मन बना लिया है. पार्टी ने रिकॉर्डतोड़ जीत और दो तिहाई बहुमत (कम से कम 46 सीटें) हासिल करने का लक्ष्य रखा है.