जम्मू-कश्मीर में सरकार गठन को लेकर सियासी माथापच्ची ने अब दिल्ली का रुख कर लिया है. सोमवार को दिल्ली में बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह राज्य के कोरग्रुप के सदस्यों के साथ बैठक करने वाले हैं. इस बैठक में जम्मू-प्रदेश के प्रभारी राम माधव भी हिस्सा लेंगे. बताया जाता है कि इस बैठक में सरकार बनाने को लेकर सभी विकल्पों पर विचार होगा. यह बैठक पीडीपी प्रमुख महबूबा मुफ्ती की बीते बुधवार को राज्यपाल वोहरा के साथ हुई मुलाकात के बाद हो रही है. महबूबा ने इस मुलाकात में अपने साथ 55 विधायकों की बात की थी.
जम्मू-कश्मीर में गठबंधन की सरकार होगी. लेकिन यह पीडीपी-बीजेपी गठबंधन या पीडीपी-कांग्रेस और नेशनल कॉन्फ्रेंस को लेकर महागठबंधन, यह अभी तय नहीं है. बुधवार को पीडीपी अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने राज्यपाल एनएन वोहरा से मुलाकात की थी. ये बातचीत करीब एक घंटे तक चली थी. महबूबा मुफ्ती के बाद कांग्रेस नेता सैफुद्दीन सोज ने भी राज्यपाल वोहरा से मुलाकात की. हालांकि बैठक के बाद भी ये साफ नहीं हो पाया है कि राज्य में किस पार्टी या फिर किस गठबंधन की सरकार बनेगी.
दूसरी ओर, महागठबंधन सरकार की अटकलों के बीच नेशनल कॉन्फ्रेंस ने पीडीपी पर तंज कसते हुए कहा है कि अगर उनके पास 55 विधायकों का बहुमत है तो फिर वो बना लें सरकार. जम्मू कश्मीर में सरकार गठन पर महबूबा मुफ्ती ने अभी भी कोई ठोस बयान नहीं दिया है. पीडीपी अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने कहा कि वो जल्दबाजी में सरकार बनाना नहीं चाहती हैं. हालांकि खबर है कि पार्टी के अंदर बीजेपी के साथ गठबंधन की सूरत में विधायकों को मनाने की कवायद जारी है, क्योंकि बीजेपी सूत्रों के मुताबिक वह गठबंधन की स्थिति में मुफ्ती मोहम्मद सईद को मुख्यमंत्री के रूप में देखना चाहती है, जबकि डिप्टी सीएम का पद अपने पास रखेगी.
विधानसभा के गठन को लेकर नोटिफिकेशन
इस बीच लॉ डिपार्टमेंट ने भी 31 दिसंबर को 12वें विधानसभा के गठन को लेकर नोटिफिकेशन जारी कर दिया है. 11वीं विधानसभा का कार्यकाल 20 जनवरी 2015 को पूरा होने वाला है. विधानसभा के 87 नए विधायक सरकार गठन के बाद शपथ ग्रहण करेंगे. इस दौरान गवर्नर एनएन वोहरा प्रोटेम स्पीकर की नियुक्ति करेंगे जो विधायकों को शपथ दिलाएंगे.
नए विधानसभा के गठन को लेकर नोटिफिकेशन कार्यकारी मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला से फैक्स पर मंजूरी लेने के बाद जारी किया गया. जम्मू-कश्मीर एक्ट के तहत नए विधानसभा के गठन को लेकर लॉ डिपार्टमेंट नोटिफिकेशन जारी करता है, जबकि अन्य राज्यों में इसकी जिम्मेदारी केंद्रीय चुनाव आयोग के पास होती है.