दिल्ली में सरकार के गठन को लेकर गतिरोध की स्थिति बनी हुई है. बीजेपी ने
उप-राज्यपाल से स्पष्ट कह दिया है कि वह दिल्ली में सरकार नहीं बनाएगी. बीजेपी के इनकार के बाद उप-राज्यपाल ने चुनाव में दूसरी बड़ी पार्टी बनकर उभरी आम आदमी पार्टी (आप) के संयोजक अरविंद केजरीवाल को शनिवार को 10:30 बजे बुलाया है. अब उप-राज्यपाल 'आप' से सरकार बनाने को लेकर बातचीत करेंगे. दिल्ली में सरकार बनाने के मुद्दे पर 'आप' ने शुक्रवार को पार्टी की बैठक बुलाई है.
दिल्ली के उप राज्यपाल नजीब गंज ने गुरुवार को बीजेपी के मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार हर्षवर्धन को बातचीत के लिए बुलाया था. उप राज्यपाल से मुलाकात के बाद हर्षवर्धन ने कहा, 'सबसे बड़ी पार्टी होने के नाते उप राज्यपाल ने हमें सरकार गठन के बारे में चर्चा के लिए आमंत्रित किया था. हमारे पर 32 विधायक हैं और सरकार बनाने के लिए आवश्यक 36 से 4 विधायक कम होने के कारण हम सरकार नहीं बना सकते. हम विपक्ष में रहकर ही जनता की सेवा करेंगे.'
बीजेपी नेता ने कहा कि यदि कोई दूसरी पार्टी सरकार बनाने या बहुमत जुटाने का प्रयास करती है तो उससे उनकी पार्टी को कोई ऐतराज नहीं होगा.
उल्लेखनीय है कि 70 सदस्यों वाली दिल्ली विधानसभा में 32 सीटों के साथ बीजेपी सबसे बड़ी पार्टी है, जबकि 28 सीटों के साथ आम आदमी पार्टी दूसरे स्थान पर रही. कांग्रेस को 8 सीटें मिलीं.
कांग्रेस की प्रतिक्रिया
बीजेपी के इस फैसले पर कांग्रेस नेता जेपी अग्रवाल ने कहा कि बीजेपी को पता है कि वह अपने चुनावी वादे पूरे नहीं कर पाएगी इसलिए सरकार बनाने से कतरा रही है.
आम आदमी पार्टी की प्रतिक्रिया
आप आदमी पार्टी के नेता गोपाल राय ने भी साफ कर दिया है कि उनकी पार्टी बीजेपी-कांग्रेस से ना तो समर्थन लेगी और ना ही देगी. सत्ता के लिए समझौता नहीं करेंगे.