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राहुल के खिलाफ अमेठी से BJP उम्मीदवार होंगी स्मृति ईरानी, रायबरेली से नहीं लड़ेंगी उमा

बीजेपी उपाध्यक्ष स्मृति ईरानी उत्तर प्रदेश के अमेठी से राहुल गांधी के खिलाफ बीजेपी उम्मीदवार होंगी. यानी यहां स्मृति, राहुल और आम आदमी पार्टी के कुमार विश्वास के बीच त्रिकोणीय मुकाबला होगा.

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Smriti Irani
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बीजेपी उपाध्यक्ष स्मृति ईरानी उत्तर प्रदेश के अमेठी से राहुल गांधी के खिलाफ बीजेपी उम्मीदवार होंगी. यानी यहां स्मृति, राहुल और आम आदमी पार्टी के कुमार विश्वास के बीच त्रिकोणीय मुकाबला होगा.

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मंगलवार को दिल्ली में हुई बीजेपी की चुनाव अभियान समिति की बैठक में यह फैसला किया गया. इस बैठक में पार्टी के पीएम उम्मीदवार नरेंद्र मोदी भी मौजूद थे. रायबरेली सीट से सुप्रीम कोर्ट में वकील अजय अग्रवाल को उम्मीदवार बनाया गया है. पहले इस सीट से उमा भारती को टिकट दिए जाने की चर्चा थी. इसके अलावा बांदा सीट से भैरो प्रसाद मिश्र को उम्मीदवार घोषित किया गया है.

इस पर प्रतिक्रिया देते हुए स्मृति ईरानी ने कहा, 'मैं बहुत खुश हूं कि पार्टी ने मुझे अमेठी से लड़ने का मौका दिया. आम आदमी पार्टी कांग्रेस की बी टीम है और उसने राहुल के खिलाफ 'मॉक कैंडिडेट' उतारा है. हम न सिर्फ कड़ी टक्कर देंगे, बल्कि चुनाव जीतेंगे भी. '

गौरतलब है कि बीजेपी ने राहुल और सोनिया के खिलाफ मजबूत उम्मीदवार उतारने की बात कही थी. बाबा रामदेव ने प्रेस कॉन्फ्रेंस करके उमा भारती को रायबरेली से लड़ाने का सुझाव दिया था. हालांकि झांसी सीट से प्रत्याशी घोषित की जा चुकीं उमा इसके लिए फौरी तौर पर तैयार नहीं मानी जा रही थीं. उन्होंने कहा था कि वह रायबरेली से लड़ने को तैयार हैं, पर वह झांसी सीट नहीं छोड़ेंगी. उनकी कथित अनिच्छा के बाद पार्टी ने अजय अग्रवाल को ही चुनावी टिकट देना उचित समझा.

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BJP का अहम महिला चेहरा हैं स्मृति
स्मृति ईरानी छोटे पर्दे की चहेती बहू रही हैं. वह 'क्योंकि सास भी कभी बहू थी' सीरियल में लंबे समय तक तुलसी विरानी का रोल कर चुकी हैं. 2003 में वह बीजेपी से जुड़ गई थीं. 2004 में उन्होंने दिल्ली की चांदनी चौक लोकसभा सीट से कपिल सिब्बल के खिलाफ चुनाव लड़ा था, लेकिन हार गई थीं. सन 2010 में उन्हें बड़ा प्रमोशन मिला जब उन्हें पार्टी का राष्ट्रीय सचिव बना दिया गया. बाद में उन्होंने बीजेपी महिला मोर्चा की कमान संभालीं और पार्टी के अहम महिला चेहरों में शुमार की जाने लगीं. 2011 में पार्टी ने उन्हें राज्यसभा के रास्ते संसद भेजा.

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