लोकसभा चुनाव के लिए बीजेपी के उम्मीदवारों की पांचवी लिस्ट बुधवार को जारी होगी. इस लिस्ट में पार्टी के दिग्गज नेता लालकृष्ण आडवाणी समेत तमाम बड़े नेताओं के नाम पर फैसला होगा. बीजेपी की केंद्रीय चुनाव समिति आडवाणी के अलावा पूर्व आर्मी चीफ वीके सिंह की उम्मीदवारी पर मुहर लगा सकती है. नरेंद्र मोदी अपने गृह राज्य से भी चुनाव लड़ेंगे या नहीं, बुधवार को इस पर भी फैसला संभव है.
दरअसल, गुजरात की राज्य समिति ने 26 नामों पर अंतिम सिफारिश पार्टी की केंद्रीय चुनाव समिति को भेजी है. इसमें गांधीनगर से आडवाणी का नाम और गुजरात की एक सीट से मोदी को लड़ने का प्रस्ताव है. संकेत है कि मोदी अहमदाबाद (पूर्व) या वडोदरा सीट से चुनाव लड़ सकते हैं. पिछले लोकसभा चुनावों में आडवाणी समेत सिर्फ तीन सांसदों की उम्मीदवारी बरकरार रखी गई थी. 26 में से 23 उम्मीदवार बदल दिए गए थे.
केंद्रीय चुनाव समिति की बैठक में गुजरात की 26 सीटों के अलावा राजस्थान से 25 सीटों, पंजाब में एक गुरदासपुर की सीट जिसके लिए विनोद खन्ना दावेदार हैं, बिहार की 3 सीटों- झंझारपुर, सुपौल और बक्सर, महाराष्ट्र की 3 सीटों, आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु, केरल और हरियाणा की सीटों पर भी आखिरी फैसला होगा. मध्य प्रदेश की 5 सीटें बचीं हैं जिसमें भोपाल की सीट पर बीजेपी के उम्मीदवार के नाम का ऐलान नहीं हुआ है. राजस्थान से जसवंत सिंह बाडमेर, वसुंधरा राजे के बेटे दुष्यंत सिंह झालावाड़ और राज्यवर्धन सिंह राठौर जोधपुर से संभावित उम्मीदवार हैं.
वैसे, उत्तर प्रदेश की 54 सीटों के ऐलान के बाद भी 26 सीटों पर पेंच फंसा हुआ है. गाजियाबाद सीट से जनरल वी के सिंह की उम्मीदवारी तय है लेकिन जिले में पार्टी के भीतर ही उनका जम कर विरोध हो रहा है. कांग्रेस से पाला बदलने को तैयार बैठे जगदंबिका पाल को लेकर भी डुमरियागंज सीट से बातचीत अंतिम रूप नहीं ले पाई है. लेकिन, उनकी उम्मीदवारी तय मानी जा रही है. वहीं, अयोध्या और काशी का मसला बीजेपी ने भले ही सुलझा लिया हो लेकिन मथुरा में पेंच फंसा ही हुआ है. जंग श्रीकांत शर्मा और अरुण सिंह के बीच चल ही रही थी कि आलाकमान ने 'ड्रीम गर्ल' हेमा मालिनी के नाम पर चर्चा शुरू कर दी. आखिर हर सीट पर जीतने वाले उम्मीदवार की जरुरत जो है, इसके लिए उम्मीदवार भले ही बाहर से क्यों न लाना पड़े.