बिहार में जारी चुनाव के बीच आज तक ने गृह मंत्री राजनाथ सिंह से 'सीधी बात' की. राजनाथ ने फिर एक बार नीतीश कुमार और लालू प्रसाद पर हमला बोला. राजनाथ ने आरोप लगाया कि नीतीश और लालू अल्पसंख्यकों में भय का भ्रम पैदा कर समर्थन लेने की कोशिश करते हैं.
दिया लोकसभा चुनाव का उदाहरण
राजनाथ ने कहा कि बीजेपी जाति और मजहब के नाम पर न तो भेदभाव करती है और न ही ऐसी राजनीति करती है. उन्होंने अपनी बात के समर्थन में लोकसभा चुनाव का उदाहरण भी दिया. कहा कि 2014 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी को हर जाति और हर पंथ के लोगों ने वोट दिया था.
असहिष्णुता के सवाल पर कहा- कहीं दंगे हुए क्या
राजनाथ नहीं मानते बीते कुछ दिनों में देश के किसी भी हिस्से में किसी ने भी सांप्रदायिक तनाव महसूस किया है. उनसे पूछा गया कि दादरी जैसी घटनाओं से क्या यह संदेश नहीं जाता कि मोदी के हिंदुस्तान में असहिष्णुता बढ़ी है. इस पर राजनाथ ने कहा कि कौन सा दंगा या सांप्रदायिक तनाव हुआ है. कांग्रेस के राज्यों में खूब दंगे हुए. एक-एक राज्य में 4000 लोग तक मारे गए. किसी ने कुछ नहीं कहा. हालांकि उन्होंने इन राज्यों के नाम नहीं गिनाए.
कहा- मैं नंबर दो, फिर PM से सवाल क्यों
राजनाथ ने कहा कि गृह मंत्री बयान दे रहा है, फिर लोग प्रधानमंत्री से बयान की अपेक्षा क्यों करते हैं. पीएम के बाद सरकार में मैं ही तो हूं. दूसरी बात यह कि कानून-व्यवस्था राज्यों का विषय है. फिर मोदी को टारगेट क्यों किया जा रहा है. गृह मंत्री को टारगेट करो. पीएम को क्यों करते हैं.
केरल हाउस की घटना पर कहा- 'रेड राज' नहीं
केरल हाउस में बीफ को लेकर हुए विवाद के बाद पुलिस की रेड पर राजनाथ ने कहा कि यह रेड नहीं थी. पुलिस जानकारी लेने गई थी. दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने इसे 'रेड राज' बताया था. राजनाथ ने कहा कि यदि किसी को कष्ट हुआ है तो हम आगे से सावधानी बरतेंगे.
छोटा राजन आएगा ही, दाऊद की प्रतीक्षा कीजिए
अंडरवर्ल्ड डॉन छोटा राजन दाऊद इब्राहिम को भारत लाने के सवाल पर राजनाथ ने कहा कि छोटा राजन तो वापस आएगा ही. दाऊद को वापस लाने के लिए प्रतीक्षा कीजिए. कॉन्फिडेंस तो बहुत है. लेकिन गृह मंत्री को काम करना चाहिए, बोलना नहीं चाहिए.